आरक्षण (Reservation) को लेकर कई समाज आंदोलन कर रहे हैं. अब जनजातीय क्षेत्र को पहले से मिल रहे आरक्षण को बढ़ाने की मांग आदिवासी क्षेत्र से उठी है. यह मांग कांग्रेस के बैनर तले उठाई गई है. इस आंदोलन को तेज करने के लिए कांग्रेस ने जिला प्रभारियों की नियुक्ती की है. आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए बैठकें हो रही हैं.
क्यों की गई है यह मांग
राजथान में जनजाति उपयोजना क्षेत्र (टीएसपी) सबसे ज्यादा है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिला तो पूरा ही टीसपी है. इसके साथ ही उदयपुर जिले के कुछ हिस्से को छोड़ दिया जाए तो पूरा ही है. ऐसे में उदयपुर संभाग में आदिवासियों की अधिकता को देखते हुए राजस्थान में आदिवासियों को मिलने वाले कुल आरक्षण का आधा हिस्सा उदयपुर संभाग के टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों को देने की मांग उठाई गई है.इस मांग को मजबूती प्रदान करने के लिए कांग्रेस के बैनर तले टीएसपी क्षेत्र में संयोजक नियुक्त किए गए हैं. ये लोग अपने-अपने जिलों का प्रतिनिधित्व करते हुए इस मांग के लिए युवाओं में जनजागृति पैदा करेंगे.इसे लेकर आदिवासी नेताओं की बैठक वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह मीणा,कांग्रेस नेता ताराचंद भगोरा और पूर्व विधायक पूंजीलाल परमार के नेतृत्व में हुई.इसमें टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों के आरक्षण की मांग को लेकर रणनीति बनाने पर चर्चा की गई.
रघुवीर मीणा बनाए गए संयोजक
टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों के आरक्षण की मांग के आंदोलन की रणनीति बनाने,इस मांग को पुरजोर तरीके से सक्षम स्तर तक पहुंचाने और जनसमर्थन प्राप्त करने के लिए रघुवीर सिंह मीणा को संभागीय संयोजक और विधायक गणेश घोगरा को सहसंयोजक बनाया गया है.इसी तरह संभाग के सभी जिलों में संयोजक नियुक्त किए गए हैं.इसमें डूंगरपुर में ताराचंद भगोरा,बांसवाड़ा में नानालाल निनामा,प्रतापगढ़ में रामलाल मीणा,उदयपुर में मांगीलाल गरासिया संयोजक बनाए गए हैं. इसके साथ ही संभाग के सभी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक और कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रत्याशी उनकी विधानसभा के संयोजक रहेंगे. ये लोग समय-समय पर विधानसभा स्तर पर उक्त मांगों के लिए रणनीति बनाएंगे.
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