(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Politics: मेवाड़ की राजनीति अब 28 की जगह 23 सीटों पर ही होगी, प्रदेश का एक ऐसा संभाग जिसमें केवल रिजर्व सीेटें हैं
Udaipur News: राजस्थान में नए संभाग और जिलों के सीमांकन पर सरकार ने मुहर लगा दी. अब लोगों के जुबा पर सियासी समीकरणों की बात है. मेवाड़ की बात करे तो अब यहां 28 की जगह 23 विधानसभा सीटें ही रह गई हैं.
Udaipur Politics: राजस्थान में नए संभाग और जिलों के सीमांकन पर सरकार ने मुहर लगा दी है. इसके बाद अधिकतर लोगों के जुबा पर सियासी समीकरण ही हैं. प्रदेश में अगले चार महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजनीति से जुड़े लोग गणित बैठाने में लगे हैं. राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण माना जाने वाला मेवाड़ में 28 की जगह विधानसभा की 23 सीटें ही रह गई हैं. वहीं भीलवाड़ा की 74 साल बाद मेवाड़ में वापसी हुई है.ऐसा इसलिए क्योंकि उदयपुर संभाग से तीन जिलों को अलग कर दिया गया है और दो नए जिलों को शामिल किया गया है. इससे मेवाड़ संभाग की पूरी राजनीति ही बदल गई है. परिसीमन के बाद विधानसभा सीटें बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.
कहां से टूटा और कहां जुड़ा
उदयपुर संभाग से डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ को तोड़ा गया है. लेकिन सलूंबर और अजमेर संभाग के भीलवाड़ा जिले को उदयपुर संभाग में शामिल किया गया है. भीलवाड़ा जो रियासतकाल में मेवाड़ क्षेत्र ही कहलाता था, अब अब फिर से मेवाड़ में शामिल हो गया है.
पहले उदयपुर संभाग यानी मेवाड़ में उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाडा जिले शामिल थे.इनमें विधानसभा की 28 सीटें हुआ करती थीं.अब इसमें सा वागड़ और कांठल को मिलकर नया संभाग बना दिया है.यानी वागड़ का बांसवाड़ा और डूंगरपुर और कांठल यानी प्रतापगढ़, इन तीनों जिलों से नया संभाग बना है जिसका मुख्यालय बांसवाड़ा है.इससे पूरी राजनीति परिवर्तन हुआ है.पहले मेवाड़ की 28 विधानसभा सीटों में से 17 आरक्षित थीं.वर्तमान स्थिति में बांसवाड़ा संभाग के तीन जिलों में 11 विधानसभा सीटें हैं. ये सभी आरक्षित सीटे हैं. यह पूरा जनजातीय क्षेत्र ही अलग हो गया है.
उदयपुर की नई राजनीति
उदयपुर जिले को तोड़कर भी सलूंबर जिला बनाया गया है. यहां बीजेपी का राज है.अब इसका भरपूर फायदा कांग्रेस उठाएगी, क्योंकि इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं कांग्रेस स्टेयरिंग कमेटी के सदस्य और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा.वो यहां से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.अभी यहां बीजेपी के अमृत लाल मीणा विधायक हैं. हालाकि नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा है.अब रघुवीर सिंह मीणा लोगों के बिचनाइज भुनाएगे.संभावना पूरी है कि परिसीमन के बाद सलूंबर जिले में विधानसभा सीटें बढ़ेंगी.
ये भी पढें