Dengue-Malaria Alert: राजस्थान के इन जिलों में डेंगू-मलेरिया का कहर, जैसलमेर में मिले 72 मरीज
Malaria Dengue: डेंगू की रोकथाम के लिए भी लगातार विभाग कम कर रहा है. अब तक 41 मरीज डेंगू के आ चुके हैं. मलेरिया और डेंगू से अभी तक 1 भी मरीज की मौत नहीं हुई है, जिसके चलते विभाग ने राहत की सांस ली है.
Rajasthan News: बिपरजॉय तूफान व मानसून की बारिश के बाद मौसमी बीमारियों के साथ मलेरिया और डेंगू के केसेज लगातर बढ़ रहे है. हेल्थ डिपार्टमेंट जगह जगह मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहे है. विभाग का मानना है कि इस वर्ष बारिश बहुत ज्यादा हो गई है जगह -जगह पानी का भराव होने कारण मच्छर बढ़ रहे हैं. विभाग मुस्तैद है. और लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ मच्छरों को कम करने के प्रभावित कदम भी उठा रहा है.
बाड़मेर के चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर की गजराज ने बताया कि इस साल की शुरुआत से अभी तक 500 मलेरिया की मरीज आ चुके हैं. प्रतिदिन शहर 8 से 10 व ग्रामीण 8 से 10 मलेरिया के मरीज आ रहे हैं. मरीज के उपचार के लिए हमारी मेडिकल टीम मुस्तैद है. साथ ही जिले में फॉगिंग करवाई जा रही है. एंटी लारवा व स्लाइड लिए जा रहे हैं. धीरे-धीरे मलेरिया का खतरा कम हो रहा है. डेंगू की रोकथाम के लिए भी लगातार विभाग कम कर रहा है. अभी तक 41 मरीज डेंगू के आ चुके हैं. मलेरिया और डेंगू से अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है जिसके चलते विभाग ने राहत की सांस ली है.
जैसलमेर में 72 मलेरिया के मरीज आए हैं
जैसलमेर सीएमएचओ डॉक्टर बीएल बुनकर ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट गांव गांव अभियान चलाकर मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम को लेकर कम कर रहा है. सीएमएचओ बुनकर ने बताया कि इस साल जैसलमेर में 72 मलेरिया के मरीज आए हैं. वहीं डेंगू के 3 मरीज सामने आए सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं हाला की बरसात ज्यादा हुई है. आगे भी मलेरिया के मरीज आने की आशंका बनी हुई है. विभाग के द्वारा गांव-गांव मलेरिया के मच्छरों की रोकथाम को लेकर लोगों के खून की तुरंत जांच करने, बुखार आदि की दवाई लेकर लोगों में मलेरिया ना हो इसके लिए पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं.
मच्छर पैदा न हो इस पर पूरा जोर दिया जा रहा है
जोधपुर चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफीसर डॉक्टर जितेंद्र राजपुरोहित व उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने बताया कि विभाग की ओर से मलेरिया, डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर लोगों के कूलर, पानी की टंकी की जांच की जा रही है, ताकि मच्छर पैदा होने वाले स्थानों को चिन्हित किया जा सके. जिन घरों के पात्रों में लार्वा पाया गया है तो उनको साफ करवाया जा रहा है, ताकि मच्छर पैदा नहीं हो. सीएमएचओ ने बताया कि सर्वे के दौरान बुखार से पीड़ित पाए जाने वाले रोगियों की स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रक्त स्लाइड लेकर जांच के लिए लैब में भेजवाई जा रही है.
जलजमाव वाले हर जगह पर जांच की जा रही है
वहीं पोखर, तालाब, पशुओं के पानी के पात्रों, टंकियों आदि की भी जांच की जा रही है. इसके तहत मानसून के दौरान व पश्चात डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. अतः मच्छरो की ट्रांसमिशन श्रंखला को तोड़ने के लिए मच्छररोधी गतिविधियां करने के साथ साथ जन सहभागिता पर जोर दिया जाएगा. सभी चिकित्सा संस्थानों पर आशा, एएनएम की टीम बनाकर घर-घर एंटी लार्वा सर्वे किया गया है. साथ ही टीम द्वारा बुखार के रोगियों की रक्त पट्टिका ली जाएगी और एंटोमोलॉजी कल सर्वे तथा हाउस इंडेक्स, ब्रीटू इंडेक्स की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी.
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