Rajasthan News in Hindi: राज्य की कांग्रेस सरकार के ओबीसी आरक्षण मामले विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष डॉक्टर सतीश पूनियां (Dr.Satish Poonia) ने कहा कि भारत के संविधान में देश के सभी नागरिकों को उनकी योग्यता और क्षमता के आधार पर अवसर देने की बात कही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को चुनाव के वक्त ही यह आरक्षण क्यों याद आता है.उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की नीति और नीयत साफ होती तो इस तरीके की चीजों की पहले ही चर्चा की जा सकती थी. इन सभी चीजों की कानूनी और संवैधानिक मर्यादाएं क्या हैं, उसका भी ख्याल रखने की आवश्यकता है.पूनिया ने सरकार को आड़े हाथों लिया है.उन्होंने आरक्षण देने की टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए है.


मतदाता बुनियादी मुद्दों पर आक्रोशित है


पूनिया ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री अब जो घोषणाएं और जिस तरीके की बातें कर रहे हैं, यह पॉपुलिस्टिक चीजें हैं जो केवल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हैं, लेकिन राजस्थान का मतदाता बुनियादी मुद्दों पर आक्रोशित है, वह चाहे किसान कर्जमाफी के नाम पर वादाखिलाफी हो, चाहे बेरोजगारी हो, चाहे भ्रष्टाचार हो, चाहे बिगड़ी कानून व्यवस्था हो, इसलिए मुख्यमंत्री के सियासी दांव किसी के गले उतरेंगे नहीं. उनको लगता होगा कि इस तरीके के बयानों से वह पॉलिटिकल माइलेज ले लेंगे, लेकिन राजस्थान की जनता जन धारणा के हिसाब से फैसला करेगी और जन धारणा कांग्रेस सरकार के खिलाफ है.


सीएम अशोक गहलोत ने क्या घोषणा की है 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों ट्वीट कर आरक्षण के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था कि वर्तमान में जारी अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 21 फीसदी आरक्षण के साथ छह फीसदी अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा. यह ओबीसी वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा.ओबीसी वर्ग में अति पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए ओबीसी आयोग द्वारा सर्वे किया जाएगा और आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा. 


आरक्षण के लिए हो चुका है आंदोलन 


इस आरक्षण को लेकर पिछले दिनों खूब आंदोलन हुआ है.हरीश चौधरी ने इसकी कमान संभाल रखी थी. अब जब सीएम ने घोषणा कर दी है तो उप नेता प्रतिपक्ष ने इसकी टाइमिंग पर बड़ा सवाल किया है. 


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