Rajasthan: देवउठनी एकादशी के दिन जयपुर में होंगी 15000 शादियां, कोरोना के बाद पहली बार दिख रहा ऐसा उत्साह
Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी का पर्व शादियों के लिए सबसे पसंदीदा अवसर माना जाता है. यह शादियों के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है. इस दिन जयपुर में हजारों की संख्या में शादी होने वाली है.
Weddings In Rajasthan: देवउठनी एकादशी पर जयपुर में आज शादियों की बहार है. एक आंकड़े के अनुसार 15 हजार शादियां आज होने वाली है. इसके लिए होटल, शादी हॉल और गाड़ियों की बुकिंग हो चुकी है. कोरोना के बाद पहली बार इस तरीके का उत्साह जयपुर (Jaipur) में देखा जा रहा है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है. हालांकि, विधान सभा के लिए मतदान करीब होने की वजह से बाहर से आए हुए लोगों की संख्या बढ़ गई है. शादी में शिरकत करना और मतदान करना दोनों एक साथ देखा जा रहा है. बैंड, बाजा और बारात की रौनक में शहरवासी एक बार फिर से पांच महीने बाद गुरुवार से व्यस्त रहेंगे. चारदीवारी समेत अन्य बाजारों में खरीदारी परवान पर रही है.
ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन की तरफ से बताया गया कि लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. जयपुर जिले में 20 हजार के करीब शादियां हैं. होटल व्यवसाय मनीष खंडेलवाल ने बताया कि जयपुर में सबसे ज्यादा शादियां होंगी. एक शादी में तकरीबन 500 से अधिक लोग औसतन जा रहे हैं. उच्च ऐसे में लाखों की संख्या में शादियों में मेहमानों की आवाजाही होगी. मेहमानों से भी शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान बोर्ड और संदेशों के जरिए किया जाएगा. प्रदेश में 50 हजार से अधिक शादियां होंगी. ऐसे में एक लाख के करीब नवयुगल भी वोट डालेंगे. चुनाव के मद्देनजर शादी समारोह में प्रत्याशियों के शादी समारोह में शिरकत करने से भी लोगों की संख्या अधिक रहेगी. ऐसे में शादी समारोह देर तक चलने से भोजन भी अधिक बनवाया जाएगा.
जयपुर में पड़ेगा असर
जयपुर फल और सब्जी के लिए भीड़ बढ़ गई है. शादियों के लिए बुधवार सुबह से बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मंडी में नजर आई हैं. देवउठनी एकादशी वा भगवान विष्णु जागते हैं और दोबारा से सृष्टि चलाने की जिम्मेदारी संभालते है. भगवान विष्णु के जागते ही फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते है. 23 नवंबर को को कार्तिक मास की सुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. देवउठनी एकादशी सभी 24 एकादशी में सबसे शुभ और मंगलकारी मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जगते हैं. इक दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है. ऐसे कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी का व्रत करने वालों को स्वर्ग और बैकुंठ की प्राप्ती होती है.
बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक देवउठनी एकादशी पर राजस्थान के जयपुर में 15 हजार शादियां होने वाली हैं. तो वहीं जयपुर जिले में लगभग 20 हजार शादियां होने वाली हैं. ऐसे में राजस्थान में शादियों की बहार है. जिसको लेकर जयपुर में काफी उत्साह देखा जा सकता है. ऑल वेडिंग इंडस्ट्री फेडरेशन के मुताबिक राजस्थान में लगभग 50 हजार शादियां होंगी. बता दें कि पहले राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान होना था लेकिन देवउठनी एकादशी की वजह से चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख बदलकर 25 नवंबर कर दिया था. क्योंकि 23 तारीख को देवउठनी एकादशी है और इस दिन शादियों के लिए सबसे पसंदीदा अवसर माना जाता है. यह शादी के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है.
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