Rajasthan News: राजस्थान में स्वास्थ्य व पर्यावरण संरक्षण के साथ ही एक अच्छे वातावरण का निर्माण करने के लिए कोटा की एक कॉलोनी ने नई पहल की है. जानकारी के अनुसार लोगों ने कॉलोनी को प्लॉस्टिक मुक्त करने का निर्णय लिया है. वहीं कॉलोनी के लोगों ने यहां इकट्ठा होने वाले कचरे से खाद बनाने की योजना को मूर्तरूप दिया है. बता दें कि कोटा की पॉश कॉलोनियों में से एक देवाशीष सिटी जल्दी ही कचरे को खाद मे बदलने जा रही है. जानकारी के अनुसार कॉलोनी का गीला और सूखा कचरा अलग-अलग इकठ्ठा किया जाएगा और दोनों तरह के कचरे से अलग-अलग तरह की खाद बनाई जाएगी.


डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन द्वारा संचालित खुशहाली स्वच्छता परियोजना के तहत आरडब्ल्यूए देवाशीष सिटी में देवाशीष सिटी के अध्यक्ष अरविंद यादव व डीसीएम श्रीराम टीम द्वारा शुभारंभ किया गया. देवाशीष सिटी के अध्यक्ष अरविंद यादव ने बताया कि फिनिश सोसायटी के सहयोग से इस कार्य को शुरू किया गया है. यहां कम्पोस्टर लगाया गया है जिसमें इस कॉलोनी के कचरे को रखा जाएगा और निर्धारित मापदंडों के तहत खाद बनाकर यहां के गार्डन में ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक कोटा संभाग में इस तरह का प्रयास नहीं हुआ है. यदि सभी ऐसा करने लग जाए तो सड़कों व सार्वजनिक स्थान पर कचरा भी जमा नहीं होगा और स्वच्छता रहेगी और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी नहीं पडेगा.


इस तरह शुरू हुआ प्रोजेक्ट
अरविंद यादव ने बताया कि गार्डन से निकलने वाले कचरे की भी खाद बनाई जाएगी. वहीं घर से निकलने वाले खाद्य पदार्थों से भी खाद बनाकर यहीं पर उसका उपयोग किया जाएगा. देवाशीष सिटी का कचरा अब कॉलोनी से बाहर नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर करीब चार महीने से काम किया जा रहा था. पहले लोगों को वाट्सअप मैसेज और घर-घर जाकर समझाकर जागरुक किया गया. उसके बाद इस प्रोजेक्ट को लांच किया गया.


पॉलीथिन मुक्त कॉलोनी होगी देवाशीष सिटी
देवाशीष सिटी के अध्यक्ष ने कहा कि कचरे से खाद बनाए जाने वाले प्रोजेक्ट में कही भी पॉलीथिन को कचरे में शामिल नहीं किया गया है. शीघ्र ही समिति की सहमति से निर्णय लिया जाएगा कि यहां पॉलीथिन को प्रतिबंधित किया जाए. हालाकी सभी की सहमति पहले ही मिल गई है. वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पॉलीथिन की जगह कपडों और कागज के थैलों का उपयोग किया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां कर ली गई हैं. अरविंद यादव ने बताया कि संभवतया यह पहली ऐसी कॉलोनी होगी जहां कचरे से खाद और पॉलिथिन मुक्त कॉलोनी होने का गौरव मिलेगा. इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक टीम भी बनाई गई है जो पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रखेगी.


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