Case Against Dhirendra Krishna Shastri: उदयपुर जिला कलेक्टर के सामने शनिवार को हिन्दू संगठनों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें रखी और मांगें नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.


हिन्दू संगठनों का यह प्रदर्शन बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ दर्ज हुए धार्मिक भावना भड़काने के मुकदमे के खिलाफ किया. साथ ही राजसमन्द जिले में गिरफ्तार 5 युवकों को भी रिहा करने की मांग रखी. इसके साथ ही मांगे पूरी नहीं होने पर आगामी दिनों में सर्व समाज की ओर से उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी. 


यह रखी मांग


उदयपुर मेवाड़ क्षत्रीय महासभा के संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह चूंडावत ने कहा कि महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भकगढ़ किले में हुआ है. वहां भगवा झंडा क्यों नहीं फहराना चाहिए. इसका मुझे कोई तर्क बता दे. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि भगवा झंडा किसी धर्म स्थल पर लगाने के लिए नहीं कहा गया है. जैसे श्री राम जन्म भूमि पर भगवा लहराएंगे, उसी तरह महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुम्भलगढ़ पर भी भगवा लहराएंगे. ऐसा करने से दुनिया की कोई ताकत हमें नहीं रोक सकती है.


उन्होंने दावा किया कि इस प्रदर्शन में कई समाज के लोग आए हैं और सभी में भारी रोष है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांग यह है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज हुआ है, उसे तुरंत वापस लिया जाए. साथ ही राजसमन्द में जबरन मुकदमा दर्ज कर 5 युवकों को बेवजह गिरफ्तार किया है, उन पर से भी मुकदमा वापस किया जाए.


यह हुआ था मामला
गौरतलब है कि 23 मार्च को उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में नव संवत्सर के उपलक्ष्य में धर्म सभा हुई थी. इसमें बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और संत उत्तम स्वामी आए थे. इसके साथ ही मेवाड़ के भी कई साधु संत यहां पहुंचे थे. धर्म सभा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संबोधन देते हुए कुंभलगढ़ में अन्य झंडा हटाकर भगवा झंडा लगाने की बात कही थी.


इस बात पर उदयपुर की हाथीपोल पुलिस ने धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, राजसमंद पुलिस ने भी पांच युवकों को गिरफ्तार किया था. इन सभी पर दूसरे धर्म के झंडे को हटाने की कोशिश कर सद्भावना बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप है. 


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