Jodhpur News : जोधपुर जिले की ओसिया (Osiya) विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna ) अपने बेबाक व दबंग अंदाज के चलती हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. दिव्या मदेरणा कई बार अपनी ही कांग्रेस (Congress) सरकार व मंत्रियो के फैसलो के विरोध में मुखर होकर बोलने लगती हैं. उनके इस अंदाज के कई लोग कायल हैं.
एक ऐसा ही दृष्टिहीन दिव्यांग है, विजय सिंह भाटी (Vijay Singh Bhati) . उसकी पिछले लंबे समय से इच्छा थी कि वह विधायक दिव्या मदेरणा से मिले. इसके लिए उसने भगवान से मनोकामना की थी. आखिरकार मनोकामना पूरी हो ही गई.
'सच को उठाने वाले कम ही लोग होते हैं'
दृष्टिहीन दिव्यांग विजय सिंह भाटी की दिव्या मदेरणा से मुलाकात हो गई. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दृष्टिहीन दिव्यांग विजय सिंह भाटी बोल रहा है कि पिछले लंबे समय से सोच रहा था कि दिव्या मदेरणा से मिलूं, वह कहता है आखिर मेरी मनोकामना भगवान ने पूरी कर ही दी. आपका जो एक्सपीरियंस है, एक बात होती है.
आप विधानसभा चलाते हैं. मैं मानता हूं कि विधानसभा का सत्र चलना चाहिए. लेकिन, जो सच को उठाता है, मैं उस व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ मानता हूं. क्योंकि सच को उठाने वाले कम ही लोग होते हैं.
'मैं आपके लिए प्रार्थना कारूंगा'
वीडियो में विकलांग उनसे कहत है कि कुछ दिनों पहले आप श्रीराम हॉस्पिटल में चिरंजीवी से जुड़े गरीब किसानों के लिए पूरा दिन पूरी रात धरने पर बैठी रही थी, तो मैं समझ सकता हूं कि वास्तव में जनप्रतिनिधि वही होता है, जो जनता के बीच में रहे. उसने दिव्या मदेरणा से कहा कि मैं आपके लिए प्रार्थना भी करूंगा. आपके चुनावी कैंपेन में भी सहयोग करूंगा.
जानिए क्या बोलीं विधायक
दिव्या मदेरणा ने विजय सिंह भाटी से बोला मैं जोधपुर में ही रहती हूं. आप जब चाहे आकर मुझसे मिल सकते हैं. मुझे न आप जैसों का ही आशीर्वाद व सहानुभूति चाहिए. बाकी मैं किसी से नहीं डरती हूं. सही से सही बोल दूंगी, बस आप मेरे लिए प्रार्थना करते रहें.
जानिए कौन हैं दिव्या मदेरणा
ओसिया से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दिवंगत दबंग जाट नेता परसराम मदेरणा की पौत्री हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा की पुत्री हैं. राजस्थान की राजनीति में मदेरणा परिवार का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है. मदेरणा परिवार की तीन पीढ़ियां राजस्थान की राजनीति से जुड़ी हुई हैं. इनकी राजनीति में इनका एक अलग ही दबदबा है. यही इनकी पहचान भी है.
यह भी पढ़़ें : 'सारे काम छोड़कर पंजाब-खालिस्तान वाला मामला निपटाए केंद्र सरकार, हिन्दू राष्ट्र की मांग उठाना ठीक नहीं'- सीएम गहलोत