Kota News: कोटा में परम्परागत व्यवसाय बचाने की अनूठी पहल, दीवाली में मिट्टी का दीया खरीदने पर मिलेगा उपहार
कोटा में कुम्भकारों के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए और स्थानीय नागरिकों को दीवाली पर मिट्टी का दीया खरीदने के लिए कनवास उपखण्ड अधिकारी ने ग्राम पंचायतों की मदद से पुरस्कार योजना शुरू की है.
Rajasthan News: कोटा (Kota) में परम्परागत रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्भकारों के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल 'पुरस्कार योजना' शुरू की गई है. वहीं इससे स्थानीय नागरिक दीपावली के अवसर पर पर्यावरण अनुकूल मिट्टी के दीपक खरीदने के लिए भी प्रेरित होंगे. यह योजना कनवास उपखण्ड अधिकारी ने ग्राम पंचायतों के सहयोग से शुरू की है. इस पुरस्कार योजना से परम्परागत व्यवसाय को बचाने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक पहल हो सकेगी. उपखण्ड अधिकारी कनवास राजेश डागा ने बताया कि कई परम्परागत व्यवसाय विलुप्त होने की कगार पर हैं, जिसका मुख्य कारण विदेशी वस्तुओं की तरफ अत्यधिक आकर्षित होना है.
राजेश डागा ने बताया कि स्थानीय लोग आत्मनिर्भर बन सकेंगे और गांव के लोगों को रोजगार मिले इसके लिए दीपावली पर मिट्टी के दीपक खरीद को प्रोत्साहन के लिए ग्राम पंचायतों के सहयोग से पुरूस्कार योजना शुरू की है. उन्होंने बताया कि कुम्भकार द्वारा या मिट्टी का कार्य करने वाले व्यवसायों से मिट्टी के दीये की ही खरीददारी करने से परम्परागत व्यवसाय भी जीवित रहेगा. साथ ही गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिल जायेगा, पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा. खण्ड विकास अधिकारी जगदीश प्रसाद मीना ने सभी ग्राम पंचायतों के माध्यम से अच्छी व्यवस्था करने और ग्रामीणों को अधिक से अधिक मिट्टी के दीये खरीदने के लिए कहा है.
मिलेंगे 50 हजार तक के पुरस्कार
इस कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए उपखण्ड प्रशासन, पंचायत समीति द्वारा अनूठी पहल करते हुए ग्राम पंचायतों और भामाशाहों के सहयोग से लगभग 50 हजार के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे. इसमें प्रति 20 मिट्टी दीपकों की खरीद पर एक कूपन दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कुम्भकारों या मिट्टी दीपक विक्रेताओं के माध्यम से कूपन दिए जाएंगे, दीपावली के बाद इन कूपनों से लॉटरी निकाली जाएगी जो 217 पुरस्कारों की लॉटरी होगी.
पुरस्कार में हेलमेट भी होगा
इस अनूठी योजना में कई तरह के पुरस्कार हैं, जिसमें फ्रिज, कूलर, मिक्सी, दीवार घड़ी सहित कई तरह के पुरस्कार हैं. इसमें खास बात ये है कि लोगों को पुरस्कार में हेलमेट भी दिए जाएंगे ताकी यातायात के नियमों का पालन करने के साथ व्यक्ति की सुरक्षा भी हो सके. ये सभी पुरस्कार भामाशाहों के सहयोग से दिए जाएंगे. सभी ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में कुम्हार समाज को अधिक से अधिक मिट्टी के दीये, सामग्री तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी और ग्राम पंचायत के माध्यम से मिट्टी की सामग्री खरीदने के लिए सार्वजनिक रूप से अनाउंसमेट भी करेगी.
बिक्री में नहीं लगेगा टैक्स
दीपावली के त्यौहार के लिए मिट्टी की दीपक को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर कोटा ओपी बुनकर ने आदेश जारी कर नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत क्षेत्रों में मिट्टी के दीपक विक्रय करने वालों को स्थान उपलब्ध कराने और किसी प्रकार का टैक्स नहीं लेना का निर्देश दिया है. जिला कलेक्टर ने बताया कि दीपावली के त्यौहार के लिए मिट्टी के दीपक को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी के बने दीपक को बेचे जाने के लिए बाजारों में आने वाले कुम्हारों, ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका पूरा ध्यान दिया जाएगा. जिला कलेक्टर ने बताया कि नगरीय निकाय, ग्राम पंचायत क्षेत्रों में इनमें किसी भी प्रकार की टैक्स वसूली नहीं की जाए साथ ही मिट्टी के दीपक के उपायोग को प्रोत्साहित किया जाएगा.
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