Rajasthan: मिलिए उदयपुर के रहने वाले चित्रों के डॉक्टर से, अब तक 7000 से ज्यादा पेंटिंग को दिया नया जीवन
Artist Om Prakash Soni: उदयपुर में ओमप्रकाश सोनी जिन्हें चित्रों के चिकित्सक के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने 7 हजार से भी ज्यादा पेंटिंग का अपनी कलाकारी से इलाज किया है.
Rajasthan News: कई कलाकार हमने देखे हैं और उनके बारे में हम अक्सर पढ़ते भी हैं. ऐसे भी कई कलाकार हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों की उपलब्धियां भी दी गई हैं. ऐसे ही एक कलाकार उदयपुर में है जिनका नाम ओम प्रकाश सोनी है. इन्हें सभी चित्रों का चिकित्सक या डॉक्टर ऑफ पेंटिंग कहा जाता है. आप भी यह पढ़कर चौंक गए होंगे, क्योंकि डॉक्टर तो मरीजों का इलाज करते हैं और उन्हें नया जीवन देते हैं. इसी प्रकार ओम प्रकाश सोनी पेंटिंग्स को नया जीवन देते हैं. वह 7 हजार से ज्यादा पेंटिंग्स को नया जीवनदान दे चुके हैं. यहां यह सवाल सामने आता है कि चित्रकार तो अपनी कला से और सोच से नई पेंटिंग बनाता है, तो यह जीवन कैसे दे सकते हैं. तो आइए जानते हैं डॉक्टर ऑफ पेंटिंग्स ओम प्रकाश सोनी के बारे में.
ओम प्रकाश सोनी उदयपुर शहर के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि "चित्रकारी का यह काम उनके खानदान में दो पीढ़ियों से चला आ रहा है. मैं अपने पिता से यह सीखा हूं, 35 साल से पेंटिंग बना रहा हूं. दरअसल, ऐसी पेंटिंग जो दशकों या सदी पहले बनाई गई और वह नष्ट हो चुकी हो, उसे उसी तरफ से बनाकर नया जीवन दिया है. इस प्रकार की अलग-अलग शैलियों में 7 हजार से ज्यादा पेंटिंग्स बना चुका हूं. उदयपुर ही नहीं बाहर से भी लोग आते हैं, आकर इन पेटिंग को देखते हैं. उन्होंने आगे बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, अमिताभ बच्चन, मुकेश अंबानी सहित कई बड़ी हस्तियों की पेंटिंग बनाई और उन्हें सौंपी है और देश के कई म्यूजियम में आज भी पेंटिंग रखी हुई हैं. मूल्य की बात करे तो 30 हजार से 30 लाख रुपए कीमत की पेंटिंग पड़ी हुई है. कई बिकी भी हैं."
कई शैलियों की पेंटिंग्स को नया जीवन दिया
ओमप्रकाश बताते हैं कि मैंने सभी प्रमुख शैलियों के चित्रों का कायाकल्प किया है. ये शैलीगत चित्र मुगल, किशनगढ़, मेवाड़ की चावंड, देवगढ़, नाथद्वारा, मारवाड़, बीकानेर, कोटा-बूंदी, ढूंढ़ाड़ आदि शैलियों के हैं, जो रंग-रेखांकन में रीतिगत विभिन्नताएं रखते हैं. कागज और कपड़ा, ताड़पत्र आदि पर बने चित्रों का सूक्ष्मता से अध्ययन किया और उनके इतिहास आख्यान, जन समाज, उनक मोटिव आदि को जाना और तत्कालीन परंपराओं का अनुकरण करते हुए ज्यों का त्यों बनाई है. साथ ही कटे-फटे, दीमक लगे, जल से भीग जाने से खराब हुए चित्रों को पुरानी पद्धति से पुन जवां किया है.
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