Rajasthan: डॉक्टर ने कविता में के जरिए सीएम गहलोत को घेरा, वीडियो वायरल होने पर मांगी माफी
Doctors on Strike in Rajasthan: डॉक्टर सुरेंद्र मित्तल ने एक कविता के जरिए अपने मन की बात रखी थी.वीडियो वायरल होने के बाद डॉ सुरेंद्र मित्तल से अपनी बातों के लिए माफी मांग ली है.
Doctors against Right to Health Bill: राजस्थान सरकार ने विधानसभा में जब से राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) पेश किया है.उसके बाद से ही प्रदेश भर में निजी अस्पताल बंद हैं. डॉक्टर सड़कों पर उतर कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से राइट टू हेल्थ बिल लागू नहीं करने को लेकर मांग कर रहे हैं.
इस बीच जोधपुर के बालाजी अस्पताल के डॉक्टर सुरेंद्र मित्तल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो अशोक गहलोत को अपशब्द कहते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद डॉक्टर ने एक और वीडियो जारी कर माफी मांगी है. उनका कहना है कि वो कानून व्यवस्था के लिए खतरा नहीं हैं और न ही उनका कोई राजनीतिक हित है.
अब क्या कहना है डॉक्टर का
वायरल वीडियो में डॉक्टर सुरेंद्र मित्तल ने एक कविता के जरिए अपने मन की बात रखी है.वीडियो वायरल होने के बाद डॉ सुरेंद्र मित्तल से एबीपी न्यूज़ ने बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि यह हमारे मन की पीड़ा है.अगर मेरे इस वक्तव्य से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है.तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं.उन्होंने कहा कि हमारा किसी राजनीतिक पार्टी से कोई मतलब नहीं हैं.हम डॉक्टरों की पीड़ा को भी उनको समझना चाहिए
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा एक इंटरव्यू में कहा था कि डॉक्टरों की हड़ताल से हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हम सरकार के साथ हैं.सरकार की सभी योजनाओं को हमने लागू किया है.
क्या कहा था डॉक्टर ने
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों ने अशोक गहलोत को नसीहत देने के लिए कविता के बोल का वीडियो सामने आया है.इसमें उन्होंने कहा है, ''अशोक गहलोत सुन लो हमारी बात, राहुल को विपक्ष धो रहा है, तेरा साथी पायलट रो रहा है.बेटा भी करीब-करीब अयोग्य कमजोर हो रहा है. डॉक्टरों का भी मोह मुक्त हो रहा है.हमारा सीएम कैसे चक्रव्यूह में फंस गया है.लगता है राजनीति से मन भर गया है. गहलोत अंत में गांधी बन गया तो, तो किसी गोडसे ने आ जाना है, पर क्या करें डॉक्टर ने सदा से ही सीखा जीवन बचाना है, कोई और पीड़ा दे जाएगा, डॉक्टर ने ही उसे मिटाना है, लगता है किसी ने तुझको बहकाया है, ब्यूरोकरेंसी के अधिकारियों ने कोई अंग्रेजों का रंग लगाया है, समझदार सीएम को ही मझधार में फंसाया है, सुन ले गहलोत डॉ ऋषि सब जन के अपने हैं, बाकी स्वार्थी ही जमाना है, नहीं तो तेरी सरकार का जाना है, क्यों बार-बर तेरी सरकार का आना जाना है.''
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