Doctor Protest in Kota: निजी चिकित्सकों का आरटीएच (Right to Health Bill) के विरोध में चल रहा धरना-प्रदर्शन लगातार आठवें दिन जारी है. दिनभर सरकार के खिलाफ कभी प्रदर्शन किया जा रहा है तो कभी रैली निकाली जा रही है.डॉक्टरों ने अशोक गहलोत का पुतला भी जलाया है. सरकार को ज्ञापन भी सौंपा गया है. डॉक्टर लगातार 8वें दिन अनशन पर बैठे. दिनभर धरना-प्रदर्शन करने के बाद डॉक्टर रात में कभी सुंदरकांड का पाठ कर सरकार को बुद्धि देने की प्रार्थना कर रहे हैं तो कभी नवरात्र में माता का गुणगान कर रहे हैं, जागरण कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी चिकित्सक स्वयं माता के भजन गा रहे हैं. उस पर डांस भी कर रहे हैं. डॉक्टरों के इस प्रदर्शन को देखते के लिए मुख्य मार्ग से गुजर रहे लोग ठहर जाते हैं. 


'टका सेर भाजी,टका सेर खाजा'


चिकित्सकों का आंदोलन 8वें दिन 25 मार्च को भी जारी है.चिकित्सकों ने जन मानस को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति जिसमे गुणवत्ता की परवाह किए बिना सब को समान दर पर सुविधा उपलब्ध करवाना कुछ-कुछ वैसा ही है जैसे 'टका सेर भाजी,टका सेर खाजा'. चिकित्सकों ने स्पष्ट कर दिया है कि ये आंदोलन थमने वाला नहीं है, सरकार को सकारात्मक विकल्प निकालना चाहिए. डॉ.संजय जायसवाल ने बताया कि आज शाम को महारैली का आयोजन किया जाएगा. यह धरनास्थल से तलवंडी होते हुए केशवपुरा चौराहा और वापस धरना स्थल पर पहुंचेगा.


आरटीएच बिल को बताया अव्यवहारिक


इस अवसर पर चिकित्सकों ने कहा कि गांधीवादी तरह से शांतिपूर्ण धरना देना हर व्यक्ति व संगठन का संवैधानिक अधिकार है.जबरन चिकित्सकों को परेशान किया जाना न्यायोचित नहीं है.सरकार चाहे जितने भी जतन कर ले लेकिन चिकित्सक अपनी मांगों पर अड़ें रहेंगे. उन्होंने कहा कि आरटीएच बिल किसी भी रूप में व्यवहारिक नहीं हैं,इस बिल में इतनी भ्रामकता है कि आए दिन विवाद पैदा होने की स्थिति बनेगी.चिकित्सकों ने कहा कि राजस्थान की जनता को चिकित्सा सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता में है, लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी को निजी क्षेत्र में थोप रही है. यह ठीक नहीं है.


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