उदयपुर शहर के सबसे बड़े और 400 साल पुराने प्राचीन जगदीश मंदिर में ड्रेस कोड पोस्टर विवाद छिड़ गया है. मंदिर मंडल की तरफ से मंदिर में प्रवेश में कपड़ों  के नियम को लेकर लगाए गए पोस्टर को देवस्थान विभाग ने हटा दिए हैं. इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संगठन और दर्शन करने आने वाले भक्त भी विरोध पर उतर आए हैं.

 

संगठन की तरफ से भारी विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी बात यह है कि देवस्थान विभाग द्वारा हटाए जाने के बाद भक्तों ने फिर से मंदिर में पोस्टर लगा दिए हैं. भक्तों का मानना है कि मंदिर में कपड़ों को लेकर लगाए गए पोस्टर सही है. अब देवस्थान विभाग आगे की कार्रवाई करने को लेकर बातचीत कर रहा है.




 


मंदिर मंडल से लगाए पोस्टर से शुरू हुई कहानी

दरअसल उदयपुर में अन्य कुछ बड़े मंदिरों में ड्रेस कोड को लेकर पोस्टर लगाए गए थे और उनकी वहां पालना भी की जा रही है. इसी को देखते हुए जगदीश मंदिर में भी पिछले दिनों मंदिर प्रबंध समिति की तरफ से ड्रेस कोड नियम के पोस्टर लगाए दिए थे.

 

पूरे शहर में पोस्टर को लेकर चर्चाएं होने लगी. फिर यह बात देव स्थान विभाग के पास पहुंची, चूंकि यह मन्दिर देव स्थान विभाग में आता है इसलिए विभाग के अधिकारी जगदीश मंदिर पहुंचे. जहां लगे पोस्टरों को उन्होंने हटा दिया. इस मामले की सूचना मिलने के साथ ही स्थानीय लोग और भक्त जगदीश मंदिर पहुंचे जहां दोबारा से देवस्थान विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पोस्टर लगा दिए. मंदिर के पुजारी और भक्तों ने कहा कि यह पोस्टर सनातन धर्म को ध्यान में रखते हुए लगाए गए थे.

 

क्या कहते हैं पुजारी भक्त

 

जगदीश मंदिर के पुजारी हेमेंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन देवस्थान विभाग को मर्यादा की पालन करनी चाहिए. वहीं मर्यादा तोड़ रहे हैं. यह पोस्टर भक्तों और पुजारियों ने मिलकर आस्था को देखकर लगाए थे. क्योंकि लोग अमर्यादित कपड़े पहनकर मंदिर में आ रहे थे.

उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग ने पोस्टर हटा कर हमारी सनातन संस्कृति के साथ गलत किया है. लेकिन दोबारा से भक्तों ने देवस्थान विभाग के पोस्टर हटाए जाने के बाद फिर लगा दिए हैं.

वहीं उपस्थित भक्तों ने कहा कि मंदिर में कपड़े पहनने को लेकर महिला-पुरुष ड्रेस कोड के पोस्टर लगाए थे. यह बहुत अच्छी पहल है जो सनातन धर्म और संस्कृति को आगे बढ़ाती है. देवस्थान विभाग द्वारा जिस तरह पोस्ट हटा गए यह बहुत गलत हरकत है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ अन्य भक्त भी यही चाहते हैं कि मर्यादा का पालन हो.