Rajasthan News: पानी की आवक नहीं होने से खाली पड़े हैं चंबल पर बने बांध, फसलों को हो रहा है नुकसान
Kota News: कोटा बैराज के कैचमेंट क्षेत्रों में कुछ जगह अच्छी बरसात के चलते चंबल का जलस्तर बढ़ा और पानी की निकासी की गई.इसके अलावा अन्य तीनों बांध खाली हैं.गांधी सागर अपनी भराव क्षमता से 17 फीट खाली है.
Kota Water Crisis: कोटा संभाग और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बरसात नहीं होने से चंबल पर बने बांधों में पानी की आवक नहीं हो रही है. इससे पानी का संकट देखने को मिल रहा है,हालांकी अभी बरसात का सीजन बाकी है, लेकिन अभी से फसलों को नुकसान होने लगा है. बरसात नहीं होने से आमजन भी त्रस्त हो गया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस बार खण्डित बरसात का योग चल रहा है.हाल यह है कि हाड़ौती और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बरसात पूरी नहीं हो रही है. राजस्थान के चंबल पर बने बांधों के कैचमेंट क्षेत्रों में बरसात पिछले वर्षों में तुलना में कम हुई है.इससे सभी बांध खाली हैं.
सबसे बड़ा बांध गांधी सागर 17 फीट खाली
कोटा बैराज के कैचमेंट क्षेत्रों में कुछ जगह अच्छी बरसात के चलते चंबल का जलस्तर बढ़ा और पानी की निकासी की गई.इसके अलावा अन्य तीनों बांध खाली हैं.चंबल नदी का सबसे बड़ा बांध गांधी सागर अपनी भराव क्षमता से 17 फीट खाली है.इसके साथ ही राणाप्रताप सागर औऱ जवाहर सागर बांध भी अभी अपनी क्षमता से करीब तीन फीट खाली चल रहा है.कोटा बैराज के कैचमेंट में हो रही बारिश के चलते कोटा बैराज में पानी की आवक हो रही है.इससे कोटा बैराज के द्वारा अपनी तीन गेट को 24 घंटे से खोलकर पानी की निकासी की जा रही है.
क्रम संख्या | बांध का नाम | भराव क्षमता | वर्तमान स्थिति |
1- | गांधी सागर बांध | 1312 | 1295.20 |
2- | राणा प्रताप सागर | 1157.05 | 1153.50 |
3- | जवाहर सागर | 980 | 972.50 |
4- | कोटा बैराज | 854 | 853 |
10 हजारा क्यूसेक पानी की निकासी
कोटा बैराज के कंट्रोल रूम के अनुसार कोटा बैराज के कैचमेंट में बारिश और जवाहर सागर बांध व राणाप्रताप सागर बांध से मशीन डिस्चार्ज का पानी लगातार आ रहा है.ऐसे में कोटा बैराज के द्वारा अपने तीन गेटों को खोलकर 10 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है.कंट्रोल रूम के अनुसार अभी लगातार पानी की आवक हो रही है.ऐसे में तीनों गेटों को अभी बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन यह भी बताया जा रहा है कि यह पानी नहरों में पूरी क्षमता के साथ नहीं छोड़ा जा रहा है. जिससे टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है.किसानों को फसल में परेशानी आ रही है.कोटा के एक किसान ने तो बरसात नहीं होने के चलते आत्महत्या कर ली.
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