Dungarpur Bats Died: राजस्थान में प्रचंड गर्मी से डूंगरपुर के बाद अब बर्ड विलेज में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो गई है. उदयपुर के प्रसिद्ध बर्ड विलेज मेनार में ब्रह्म सागर तालाब की पाल पर स्थित आम के पेड़ों पर बसेरा डाले करीब 400 से ज्यादा चमगादड़ों की मौत हो गई है.
चमगादड आम के पेड़ से एक के बाद एक नीचे गिरती जा रही है. चमगादड़ों के शव सड़ने से संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है. भीषण गर्मी और लू चलने से आम जनजीवन बेहाल हो गया है और जीव जन्तुओं की जान पर बन आई है.
तालाब के पास पेड़ों से गिरती जा रही चमगादड़
बर्ड विलेज के नाम से प्रसिद्ध मेनार में कई सालों से प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही हैं. हजारों किलोमीटर की दूरी तय मेहमान परिंदे मेनार जलाशयों पर पहुंचते है. लेकिन हाल ही जिले सहित उपखंड क्षेत्र में भीषण गर्मी का दौर होने से इन चमगादड़ों की मौत हुई है.
गांव के शांतिलाल मेरावत ने बताया कि मेनार मे कई सालों से इन आम के पेड़ों पर चमगादड़ दिनभर उल्टी लटकी हुई रहती है और शाम ढलते ही तालाब में उड़ते हुए पानी पीती हैं. 6-7 साल पहले भी इसी तरह की गर्मी हुई थी और हजारों की संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई थी. अभी चमगादड़ों के शवों के सड़ने से काफी दुर्गंध फैल रही है और पास मे रहना मुश्किल हो गया है. प्रदूषित वायु के कारण कई बीमारियों के होने का अंदेशा है.
अधिकारी ने बताई मौत की वजह
क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया ने बताया कि गर्मियों में जब तापमान 41 डिग्री को पार जाने लगता है और हवाएं ज्यादा गर्म होकर चलती है. इससे पेड़ों पर उलटा लटकर बसेरा डालने वाली चमगादड़ें मरने लगते हैं. यह सुबह-शाम को ही पानी पीते हैं और दिन में पेड़ पर लटकर आराम करते हैं. 2 दर्जन प्रजातियों में से यही इकलौती ऐसी प्रजाति है जो फल सब्जी खाती है. अपने भारी शरीर के कारण खुले में रहती है. अन्य प्रजातियां पेड़ों के कोटर, गुफा आदि ऐसे स्थानों पर छिपकर रहती है. जहां ठंडक रहती है.
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