Rajasthan News: राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र उदयपुर (Udaipur) संभाग के बांसवाड़ा और डूंगरपुर (Dungarpur) में काफी ज्यादा गरीबी है. हालात यह हैं कि कुछ बच्चे बचपन में ही मजदूरी से जुड़ जाते हैं तो कुछ स्कूल पहुंच जाते हैं. स्कूल जाने वाले कुछ स्टूडेंट शहर की शक्ल तक नहीं देख पाते हैं. ऐसे ही आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने हवाई सफर किया है. शहर नहीं देख पाने वाले यह स्टूडेंट फ्लाइट से दिल्ली गए और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों को देखा. ऐसा किया है क्षेत्र से जुड़े विधायक ने. 


डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा क्षेत्र के बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) विधायक राजकुमार रौत ने घोषणा की थी कि पंचायत स्तर के स्कूल में 10वीं-12वीं कक्षा में टॉप करने वाले स्टूडेंट को फ्लाइट का सफर कराएंगे. हांलाकि ऐसी ही मुहिम उदयपुर ग्रामीण विधानसभा से विधायक फुल सिंह मीणा ने भी शुरू की हुई है. वे भी दो बार बच्चों को दिल्ली फ्लाइट से भ्रमण पर ले जा चुके हैं.


40 स्टूडेंट में 33 छात्राएं
दरअसल विधायक राज कुमार रौत ने अपने विधानसभा क्षेत्र के स्टूडेंट से वादा किया था कि चौरासी विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत स्तर से 10 सर्वश्रेष्ठ छात्रों को हवाई सफर से दिल्ली ले जाएंगे. चौरासी विधानसभा से ब्लॉक स्तर पर 40 स्टूडेंट का मेरिट में नाम आया. इनमें 33 लड़कियां और 7 लड़के थे. 40 स्टूडेंट के साथ 10 शिक्षक भी थे. खुद विधायक रौत इनके साथ गए. स्टूडेंट 13 अक्टूबर को उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट से फ्लाइट में बैठे और दिल्ली पहुंचे. 16 अक्टूबर को अंतिम दिन भ्रमण किया और अब उदयपुर के लिए निकलें. उन्होंने दिल्ली में इंटरनेशनल यूथ हॉस्टल, रेलवे म्यूजियम, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, कुतुब मीनार, नेशनल म्यूजियम, लाल किला, साइंस म्यूजियम, जामा मस्जिद, शांति भवन में भ्रमण किया.


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क्या कहा विधायक ने
विधायक रौत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले अधिकतर बच्चे गरीब घर से आते हैं और इन बच्चों को 10वीं और 12वीं पास करने के बाद आगे किस परीक्षा की तैयारी करनी हैं? क्या बनना हैं ? यह मार्गदर्शन बहुत कम मिल पाता है. साथ ही हमारे यहां बहुत सी प्रतिभा है जो आईएएस, आरएएस, इंजीनियरिंग, डॉक्टर व अन्य कई क्षेत्र में जा सकते हैं लेकिन उनको अवसर नहीं मिल पाता. इस भ्रमण से बच्चों को काफी कुछ देखने को मिला है. यह मुहिम पिछली क्लास में पढ़ने वाले बच्चों में भी एक प्रेरणा का कार्य करेगी. सभी बच्चों में आगे बढ़ने की भावना बढ़ेगी और आने वाले समय में हमारे यहां से कई प्रतिभाएं निखरकर सामने आयेंगी जो पूरे डूंगरपुर जिले और आदिवासी समाज का नाम रोशन करेंगे.


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