Udaipur Maharana Pratap University of Agriculture and Technology: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने सब्स्टीट्यूट के रूप में ई-व्हीकल को फलने-फूलने का मौका दिया है. कार और बाइक के बजाए अब लोग इलेक्ट्रिकल साधन का रुख कर रहे हैं. उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल विभाग ने ई-साइकिल का इनोवेशन किया है.
ई-साइकिल दो लोग यानी 160 किलो के भार को संभाल सकती है. 30 रुपए में 45 किलोमीटर की दूरी से आम आदमी के लिए किफायती है. बड़ी बात कि ई-साइकिल सोलर से भी चार्ज होकर चलती है.
ई-साइकिल के हैं दोहरे फायदे
इलेक्ट्रिकल विभाग के हेड विक्रमदित्य दवे ने बताते हैं कि देश में ई-व्हीकल की क्रांति आई है. ई-व्हीकल को सरकार की तरफ से बढ़ावा मिलने पर लोग खरीद भी रहे हैं. हेल्थ को अच्छा रखने के लिए डॉक्टर साइकिलिंग की सलाह देते हैं. दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ई-साइकिल का इनोवेशन किया है. मॉर्निंग में आप साइकिलिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और बाजार, ऑफिस जाने के लिए बाइक का काम ले सकते हैं.
उन्होंने बताया कि ई-साइकिल में बैटरी, एलईडी सिस्टम, सोलर पैनल, मोटर, लाइट, हॉर्न को लगाया गया है. बैटरी को चार्ज करने पर 3 यूनिट बिजली की खपत होगी यानी 30 रुपए में चार्ज हो जाएगी. एक बार चार्ज होने पर 40 किलोमीटर तक का आप ई-साइकिल से सफर कर सकते हैं. साथ ही सोलर से चार्ज करने पर 5 किलोमीटर एक्स्ट्रा चलती है. जरूरत के अनुसार बैटरी को बढ़ा सकते हैं. समतल रोड पर 160 किलो का भार ई-साइकिल ढो सकती है और ढलान पर 80 किलो वजन को संभाल सकती है.
आम आदमी की पहुंच में आसान
उन्होंने आगे बताया कि ई-साइकिल की कीमत आम आदमी के लिए आसान है. नई साइकिल में बनवाने पर 30-35 हजार रुपए का खर्च आएगा. पुरानी साइकिल को मोडिफाई करवाने पर 18 हजार रुपए की लागत आएगी. ई-साइकिल की बैटरी देर तक चार्ज रह सकती है.