(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ED Raids: ललित, नीरव और विजय माल्या जैसों को पकड़े ED, चुनावी मौसम में छापेमारी पर बरसे CM गहलोत
ED Raids: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला फिर से उठाया है. उन्होंने कहा कि ये एजेंसियां अब आर्थिक अपराधियों को छोड़ राजनीतिक दलों के पीछे पड़ी हैं.
Ashok Gehlot on ED Raids: राजस्थान के चुनावी समर में राजनीतिक दलों की एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी और अपनों की है बगावत का शोर तो जमकर सुनाई दिया. वहीं प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी भी इस दौरान लगातार सुर्खियों में जगह बनाती रही. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार आरोप लगाती रही कि केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जब इस बारे में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया गया तो उन्होंने फिर एक बार ED समेत तमाम केंद्रीय एजेंसियों को अपनी साख न गिराने की सलाह दे डाली.
उन्होंने सबसे पहले तो कहा कि ED जिस तरह का व्यवहार पूरे देश में कर रही है वो उनके खुद के हित में नहीं है. ED, IT और CBI प्रीमियर एजेंसी हैं. आय से जुड़े अपराधों पर लगाम कसने के लिए देश को इनकी जरूरत है. लेकिन अब इनका ध्यान डायवर्ट हो गया है और अब ये राजनीतिक दलों के पीछे ही आ रही हैं. इसी दौरान गहलोत ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या इतने बड़े देश में कोई आर्थिक अपराध नहीं हो रहा है. उन्होंने ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या का जिक्र करते हुए कहा कि ED को इन लोगों को पकड़ना चाहिए, क्या इस तरह का कोई उनके सामने नहीं आ रहा है.
आर्थिक अपराधियों की तरफ नहीं है ED का ध्यान- गहलोत
गहलोत का कहना है कि इन भगोड़े आर्थिक अपराधियों की तरफ एजेंसियों का ध्यान ही नहीं जा रहा है. बल्कि उनका ध्यान राजनीतिक दलों की तरफ है. उन्होंने कहा कि ये एजेंसिया बिना किसी मामले के राजनीतिक दलों के नेताओं के घर पहुंच रही हैं. हमारे अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर भी ये टीम बिना किसी केस के गई थी. गहलोत ने कहा कि उनके बेटे वैभव गहलोत को भी बिना किसी मामले के समन भेज दिया गया.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से इन केंद्रीय एजेंसियों की साख को नुकसान पहुंच रहा है और इनकी विश्वसनीयता कम हो रही है. गहलोत का कहना है कि हम चाहते हैं ये एजेंसियां मजबूत रहें ताकि वित्तीय अनिमियता करने वालों में इनका भय रहे, लेकिन अब एजेंसियों के लिए वो प्रियॉरिटी ही नहीं बचे हैं.