Rajasthan News: शिक्षा मंत्रालय के नए दिशानिर्देश के बाद कोटा में हड़कंप, कोचिंग संस्थानों ने की ये मांग
Kota News: शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देश के तहत यदि 16 साल या उससे कम का बच्चा यहां पढ़ने नहीं आता है, कोचिंग सहित हॉस्टल संचालक, मेस संचालक और अन्य लोगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा.
Guidelines For Coaching Centres: केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए दिशानिर्देश के बाद राजस्थान के कोटा (Kota) में हड़कंप मच गया है. इस नए दिशानिर्देश में 16 साल की उम्र से कम आयुवर्ग के स्टूडेंट्स को कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. 5 घंटे से अधिक पढ़ाई नहीं हो सकेगी. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कई बातों को शामिल किया गया है. ऐसे में कोचिंग हब कहा जाने वाला कोटा शहर अब इस नए दिशानिर्देश पर मंथन की बात कह रहा है.
हालांकि अभी इस दिशानिर्देश को लेकर स्पष्ट रूप से विचार सामने नहीं आए हैं, लेकिन कोटा में कक्षा 6 से 10वीं तक के बच्चे पढ़ने आते हैं, जिनकी उम्र 16 साल से कम होती है. प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि 25 प्रतिशत बच्चे 16 साल से कम उम्र के होते हैं. ऐसे में यदि बच्चे यहां नहीं पढ़ेंगे तो कोटा की कोचिंगों को बड़ा झटका लग सकता है.
शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देश से इन पर पड़ेगा असर
इस दिशानिर्देश के तहत यदि 16 साल या उससे कम उम्र का बच्चा यहां पढ़ने नहीं आता है तो हॉस्टल संचालक को, मेस संचालक और अन्य लोगों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड और अन्य शहरों की अव्यवस्थाओं को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद इस दिशानिर्देश को बनाया गया है. कोटा में एजुकेशन एक्सपर्ट बताते हैं कि यह दिशानिर्देश यदि सरकार ने बनाया है तो इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. अभी मंथन करने के बाद ही इसकी वस्तुस्थिति तक पहुंचा जा सकता है.
नए दिशानिर्देश में इन बातों को किया गया शामिल
दिशानिर्देश में सुरक्षा के लिहाज से कई चीजों को शामिल किया गया है. इस दिशानिर्देश में 5 दिन पढ़ाई होगी वह भी 5 घंटे होगी. इसके साथ ही पढ़ाई न सुबह बहत जल्दी होगी और न देर रात तक होगी. इसके अनुसार दिन के समय में 5 घंटे कोचिंग संस्थान पढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही तीन महीने में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग होगी. सीसीटीवी, सर्विलांस, स्टूडेंट की अटेंडेंस पर नजर होगी, स्क्रीनिंग होगी, टेस्ट, एडमिशन फीस रिफंड सहित कई चीजों को इसमें शामिल किया गया है.
केंद्र सरकार के इस दिशानिर्देश में कई नए नियम भी बनाए गए हैं. फिलहाल इन गाइडलाइन की पालना तो नहीं हो रही, लेकिन आने वाले समय में यह यदि लागू होती है तो कई नई चीजें देखने को मिल सकती हैं. साथ ही लगातार स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामलों में भी कमी दिख सकती है.