Bharatpur News: पांचना बांध से पानी नहीं छोड़ने का असर केवलादेव नेशनल पार्क पर, इस साल केवल 27 पेलिकन ही आए
Rajasthan News: CM अशोक गहलोत जब 25 दिसंबर को भरतपुर आए थे तो उन्होंने भी गुर्जर समाज से अपील की थी की वो पांचना बांध का पानी आने दें जिससे किसानों को सिंचाई का पानी मिल सके और पार्क को भी पानी मिले.
भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित पक्षियों की नगरी के नाम से विख्यात केवलादेव नेशनल पार्क (Keoladeo National Park) पर पानी का संकट (Water Crisis) मंडरा रहा है. पहले भी पानी के संकट को देखते हुए यूनेस्को ने केवलादेव नेशनल पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज से बाहर करने की बात कही थी. लेकिन उस समय पांचना बांध से केवलादेव नेशनल पार्क को पानी उपलब्ध कराकर केवलादेव नेशनल पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज से बाहर होने से बचाया गया था.केवलादेव नेशनल पार्क को पहले पांचना बांध का पानी मिलता था. इससे केवलादेव नेशनल पार्क को में पक्षियों को उच्च क्वालिटी की वनस्पति और मछलियां खाने को मिल जाती थीं. पांचना बांध का पानी केवलादेव नेशनल पार्क में आना बंद हुआ है, तब से पक्षियों की संख्या में भी गिरावट आई है.
केवलादेव नेशनल पार्क में पिछले साल करीब 1000 पेलिकन सात समंदर पार से आए थे. लेकिन इस वर्ष पेलिकन की संख्या में भरी कमी आई है. इस वर्ष सिर्फ 27 पेलिकन केवलादेव नेशनल पार्क में देखने को मिले हैं. केवलादेव प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय है कि इस बार पेलिकन केवलादेव नेशनल पार्क में क्यों नहीं आया.इस बार पेलिकन ने अपना डेरा कहां डाला है इसकी जांच भी की जा रही है.
क्या कहना है पार्क के निदेशक का
केवलादेव नेशनल पार्क के निदेशक नाहर सिंह सिनसिनवार ने बताया है कि पार्क में माइग्रेटरी बर्ड्स और रेजिडेंट्स बर्ड्स काफी संख्या में आते हैं. इनके लिए विशेष फूड्स की आवश्यकता होती है.केवलादेव नेशनल पार्क में जो लगभग 29 किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है.पार्क के लिए तीन पानी के स्रोत हैं, इनमें एक अजान बांध है. इस बांध से गम्भीरी नदी वाला पानी आता है. दूसरा गोवर्धन कैनाल का पानी है और तीसरा चंबल ड्रिंकिंग प्रोजेक्ट से केवलादेव नेशनल पार्क को पानी मिलता है.
उन्होंने बताया कि केवलादेव नेशनल पार्क में कुछ बर्ड्स की संख्या में कमी आई है. खासकर पेलिकन की संख्या में ज्यादा कमी देखी गई है. वन विभाग रिसर्च कर रहा है कि क्या कारण है इसके लिए जो पानी पार्क में आता है उसके लिए अलग-अलग डिग्गी बनाकर पानी को अलग-अलग डिग्गियों में लेकर उसकी जांच करेंगे की फ़ूड की गुणवत्ता क्या है. पांचना बांध और अजान बांध का पानी पक्षियों के लिए फ़ूड के हिसाब से अच्छा है. गोवर्धन कैनाल का पानी इतना अच्छा नहीं है इसलिए रिसर्च करना जरूरी है, क्योकि पार्क में जो पक्षियों की संख्या और फूड से सीधा संबंध है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्या अपील की थी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 25 दिसंबर को भरतपुर दौरे पर आए थे. उन्होंने भी गुर्जर समाज से अपील की थी की पांचना बांध का पानी आने दें जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके और केवलादेव नेशनल पार्क को भी पानी मिल सके.
ये भी पढ़ें