Eid Ul Adha 2023: उदयपुर में आया नेशनल चैम्पियन बकरा 'शेरा', 100 किलो है वजन, जानें- और क्या हैं खासियतें
Rajasthan News: उदयपुर में किसान महोत्सव में हनुमानगढ़ से एक सोजत नस्ल के बकरा आया. इस नेशनल चैम्पियन बकरे का वजन 105 किलो है. एशिया की सबसे बड़ी गिरनार मंडी में इसी नस्ल की सबसे ज्यादा डिमांड है.
Eid Ul Adha 2023: उदयपुर में दो दिन का संभागीय स्तर का किसान महोत्सव हुआ या कहें किसान मेला. इस मेले का मकसद किसानों को नई खेती से रूबरू करवाना और पशुपालन से जोड़ना था. महोत्सव का की शुरुआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की. कई प्रकार की प्रदर्शनी में अलग-अलग नस्ल के पशुओं की भी प्रदर्शनी इस मेले लगी. यहां आज ऐसा बकरा आया, जो नेशनल चैम्पियन है. नाम है शेरा और इसका वजन 100 किलो से ज्यादा है. आइये जानते हैं इस बकरे के बारे में.
एशिया में डिमांड है इस बकरे की
डॉ शंकर लाल ने बताया कि हमारा हनुमानगढ़ में खिंचा फार्म है जहां इस नस्ल के बकरे हैं. यह बहुत विशेष प्रकार की नस्ल है जिसकी पूरे एशिया में डिमांड है पाली जिले के सोजत में पाई जाती है इसलिए इसका मतलब का नाम सोजत नस्ल है. एशिया की सबसे बड़ी मंडी गिरनार में लगी हुई हैं जहां भी इस बकरे के नस्ल की सबसे ज्यादा डिमांड हैं और खासकर यह कुर्बानी के समय डिमांड में रहता है. इसकी खासियत कज बात करे तो सबसे आकर्षित इसके कान है जो करीब डेढ़ फीट की लंबाई है. साथ ही इसके बालो का कलर सफेद हैं और चमड़ी इसकी पिंक कलर में होती है. इसके अलावा भी इसकी लंबाई और चौड़ाई भी आकर्षित करती है.
एक बकरा इतना मीट दे देता है
उन्होंने बताया कि इस नस्ल की बकरी दूध भी अच्छा खासा देती है, लेकिन यह ज्यादातर मीट के काम में ही डिमांड में रहता हैं. जैसे इस शेरा बकरे की बात करें तो इसका वजन 105 किलो है. उन्होंने बताया कि 4 भेड़ बकरियों को भी मिला ले तो इतना वजन नहीं हो पाता है. यह भी कहा बात है कि अन्य नस्ल की बकरियों से 45% तक मीट मिलता है, लेकिन इस ब्रीड में 48-50% मिलता है. यहीं नहीं इसका वजन काफी जल्दी बढ़ता है. एक साल में इसका वजन 70-80 किलो तक पहुंच जाता है. वयस्क बकरा 40-50 किलो मिट दे देता है. साथ ही यह कम चारा खाते हुए भी ज्यादा मीट देती है. किसानों के लिए कम कॉस्ट में ज्यादा मुनाफा देने वाली नस्ल हैं.
नेशनल चैम्पियन रहा
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के तीन बकरों के मेले में इसे लेकर गए हैं. वहां कॉम्पिटिशन में वैज्ञानिक नस्ल की विशेषता, ब्रीड, चौड़ाई, लंबाई, उत्पादन सहित कई पैरामीटर को देखते हैं. इसके बाद विनर और रनर अप घोषित किया जाता है. हरियाणा, उत्तरप्रदेश में ऐसे मेले हुई जिनमे यह चैम्पियन रहा है. किसानों के लिए पशुपालन क्षेत्र में एक वरदान साबित हो सकता है.
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