Rajasthan Election News: 10-15 साल बाद मतदान कर रहे हैं लोग, वोट फ्रॉम होम वाले बुजुर्गों ने वोटिंग के बाद क्या-क्या कहा
Rajasthan Election 2023: बुजुर्गों और दिव्यांगों को मतदान कराने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है, जिमें उनके घर जाकर वोटिंग कराई जा रही है. ऐसे में कई लोग सालों बाद अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.
Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है. राजनीतिक पार्टियों की तरफ से लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में जा-जाकर प्रचार किया जा रहा है. अब स्टार प्रचारकों के दौरे भी शुरू होने जा रहे हैं. वहीं चुनाव आयोग भी 25 नवंबर यानी मतदान दिवस की तैयारियों में जुटा हुआ है. इन सब के बीच राजस्थान में वोट फ्रॉम होम सुविधा के जरिए मतदान भी चल रहा है. इसके जरिए कई बुजुर्ग अपने पसंदीदा प्रत्याशी को मत दे भी चुके हैं. इन मतदाताओं में ऐसे भी कई लोग शामिल हैं, जिन्होंने 10 साल बाद अपने मत का प्रयोग किया है. उन्होंने लोकतंत्र के इस त्योहार में अपनी हिस्सेदारी देकर एबीपी से अपने मन की बात भी की है.
पहली बार होम वोटिंग के लिए पहुंचा मतदान दल
दरअसल चुनाव आयोग की तरफ से एक पहल शुरू की गई है. पहल यह है कि जो भी 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग हैं और 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्ति हैं, उनके लिए होम वोटिंग की सुविधा दी गई है. 14 नवंबर से इसकी शुरुआत हो चुकी है, जो 19 नवंबर तक चलेगी. उदयपुर जिले की बात करें तो यहां 82 मतदान दलों को ऐसे व्यक्तियों की होम वोटिंग के लिए लगाया गया. अब वह घर-घर जाकर वोट करवा रहे हैं. उदयपुर में ऐसे 3,800 से ज्यादा मतदाता हैं, जो होम वोटिंग के जरिए मतदान करेंगे.
10 साल से नहीं दिया वोट, इसबार निभाई जिम्मेदारी
मतदान दल के साथ एबीपी न्यूज भी ऐसे बुजुर्गों के घर पहुंचा, जिनमें से कुछ ठीक से देख-सुन नहीं सकते, तो कोई ठीक से चल नहीं सकते. मतदान टीम उनके घर पहुंची और ठीक वैसे ही बेलेट पेपर के जरिए मतदान करवाया, जैसे मतदान बूथ पर वोटिंग हुआ करती थी. इस दौरान उदयपुर शहर की चांदपोल निवासी 86 वर्षीय शांता चौहान ने बताया कि 10 से 15 साल हो गए हैं, जब से वो वोट देने के लिए नहीं गईं. उन्होंने बताया कि पोलिंग बूथ पास ही के एक स्कूल में हैं, लेकिन वहां चढ़ाई है. इस कारण वो वोटिंग के लिए नहीं जा पातीं. अब घर आकर वोटिंग कराई जा रही है, यह बहुत अच्छा है. हम बुजुर्ग भी अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं. अब तक एक हजार बुजुर्गों और दिव्यांगजनों ने वोटिंग कर दी है.