Rajasthan Bhoomi Vikas Bank: राजस्थान की सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सरकार ने सहकारी भूमि विकास बैंक (Sahkari Bhoomi Vikas Bank) के प्रजातांत्रिक स्वरूप को बहाल करने के लिए संचालक मंडल का चुनाव किया है. सरकार के इस फैसले काऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन और ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव सूरज भान सिंह आमेरा (Suraj Bhan Singh Amera) ने स्वागत किया है. आमेरा ने सीएम अशोक गहलोत, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और सहकारी विभाग से 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में लंबे समय से खाली पड़े 853 पदों पर भर्ती की मांग भी की है.
आमेरा ने बताया कि सहकारी विभाग द्वारा भूमि विकास बैंकों में संचालक मंडल की चुनाव प्रक्रिया 5 जून से शुरू हो गई है. भूमि विकास बैंकों में काम करने के लिए कार्मिक ही उपलब्ध नहीं है तो कार्मिक भर्ती के बिना चुनाव से क्या होने वाला है. आमेरा ने बताया कि राज्य की 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (पीएलडीबी) में स्वीकृत 910 पदों के सापेक्ष मात्र 177 कार्मिक कार्यरत हैं. मात्र 19 प्रतिशत उपलब्ध स्टाफ़ से बैंक नहीं चल रहे हैं. कई पीएलडीबी में तो एक भी नियमित कर्मचारी उपलब्ध नहीं है. इस तरह पीएलडीबी में 733 पद रिक्त पड़े हुए हैं. साथ ही राज्य भूमि विकास बैंक (एसएलडीबी) में 162 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 42 कर्मचारी कार्यरत हैं.
राज्यव्यापी आंदोलन की दी गई है चेतावनी
महासचिव आमेरा ने भूमि विकास बैंकों में स्टाफ़ की कमी की जमीनी हक़ीक़त की जानकारी सहकारी विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा को दी. इसको लेकर उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा है. आमेरा ने कहा कि अगर भूमि विकास बैंकों में संचालक मंडल का चुनाव ज़रूरी है तो वर्षों से रिक्त पड़े पदों पर कार्मिकों की भर्ती ज़्यादा जरूरी है. भूमि विकास बैंकों के निर्वाचित संचालक मंडल बिना कर्मियों के बैंक कैसे चला पाएंगे. जिस पर सरकार और सहकारी विभाग को चिंतन और मंथन कर कर्मचारियों की भर्ती करानी चाहिए. आमेरा ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा.