Protest against Fuel Surcharge: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बिजली को लेकर घमासान शुरू हो गया है.गहलोत सरकार किसानों को 2000 यूनिट बिजली और आम उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली फ्री देने का दावा कररही है. वही दूसरी और बिजली के बिल में फ्यूल सरचार्ज को बढ़ाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप दौर शुरू हो चुका है.विपक्ष लगातार दावे कर रहा है कि राजस्थान में सबसे महंगी बिजली है.महंगी बिजली खरीद की जा रही है.


लघु उद्योग भारती का प्रदर्शन


लघु उद्योग भारती के बैनर तले उद्योग व्यापार संगठन विद्युत उपभोक्ता संघर्ष समिति ने विधुत विभाग (डिस्कॉम) द्वारा बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज, विशेष फ्यूल सरचार्ज, सोलर चार्ज फीसदी तक बढ़ाकर बिल भेजे जाने से नाराज जताई है. उद्योगपति व व्यापारियों ने डिस्कॉम कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना देकर प्रदर्शन किया.उनका कहना था कि सरकार लगातार बिजली के बिलो में फ्यूल सरचार्ज जोड़कर वसूल रही है. इससे व्यापारियों और फैक्ट्रियों के मालिकों को नुकसान हो रहा है.कई व्यापारी इकाइयां को इससे घाटा हो रहा हैं. और वे बंद होने के कगार पर खड़े हैं.


उद्योग व्यापार संगठन विद्युत उपभोक्ता संघर्ष समिति के जुड़े व्यापारी घनश्याम ओझा ने बताया कि व्यापारियों और उद्योग धंधे पर सरकार का लगातार दबाव आ रहा है. बिजली के बिलों में कई तरह के चार्ज लगाया जा रहे हैं. इससे बिजली के बिल पहले की तुलना में 50 फीसदी तक अधिक आ रहा है. इससे हर चीज महंगी हो रही है. बिजली के बिलों में कई तरह के सरचार्ज जोड़े जा रहे हैं. जिससे ऐसे हालात हो रहे हैं कि हम लोगो घाटे के कारण फैक्ट्रियों को बंद कर देंगे तो बेरोजगारी और बढ़ जाएगी.सरकार को यह सभी सरचार्ज वापस लेने चाहिए.


क्या कहना है व्यापारियों का 


देवेंद्र सालेचा ने बताया कि उद्योग धंधे और व्यापारी सरकार को पूरा सहयोग कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से लगातार उद्योग धंधे व व्यापारियों पर कई तरह के चार्ज लगाकर अवैध वसूली की जा रही है. कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा लोगों को भ्रमित कर रही है कि आप सभी अकुड़िया लगाओ और बिजली चोरी जमकर करो.उन्होंने कहा कि अगर सरकार को मुफ्त की रेवड़ियां बाटनी है तो उन्हें राजस्व भी इकट्ठा करना होगा. हम उद्योग धंधे और व्यापारियों को परेशान करने से और ज्यादा बेरोजगारी बढ़ेगी.


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