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उदयपुर में आदमखोर तेंदुए के आतंक से लोगों में खौफ, लेपर्ड को देखते ही गोली मारने का आदेश
Udaipur News: उदयपुर में आदमखोर तेंदुए के हमले में 12 दिनों में 8 मौतें हुई हैं. चार तेंदुए पकड़े जा चुके हैं, लेकिन एक की अभी भी तलाश जारी है. ग्रामीण खुद रात को गश्त कर रहे हैं.
Leopard Terror in Udaipur: राजस्थान के उदयपुर के पहाड़ी वन क्षेत्र में 'आदमखोर तेंदुआ' अब तक पकड़ में नहीं आया है. गोगुंदा और बड़गांव उपखंड के करीब 20 गांवों के लोग इससे दहशत में हैं.
उदयपुर के गोगुंदा में पिछले 12 दिनों में तेंदुआ के अटैक से 8 मौतें हो चुकी है. वन विभाग ने अब तक चार तेंदुआ को भी पकड़ा है, लेकिन आदमखोर अब भी वन विभाग को लगातार चकमा दे रहा है. रात को लोग खुद लट्ठ और धारदार हथियार लेकर गांव की सुरक्षा के लिए गश्त करने में जुटे हैं. वहीं गांव की एक टोली ढोल बजाकर जंगलों में खाक छानती फिर रही है.
देखते ही गोली मारने के आदेश जारी
वन विभाग से हालात नहीं संभले तो अब इसकी जिम्मेदारी आर्मी के जवानों के कंधों पर सौंपी गयी है. उदयपुर के गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड को मारने के लिए हैदराबाद से शूटर को बुलाया गया है. इसके साथ ही राजस्थान के 12 अन्य शूटर भी लेपर्ड की खोज में जुटे हैं. वन विभाग ने लेपर्ड को देखते ही गोली मारने के निर्देश दिए हैं.
तेंदुए ने 1 अक्टूबर को गोगुंदा के केलवों का खेड़ा गांव में घर के बाहर काम कर रही महिला को मार डाला था. इन हमलों के बाद राजस्थान वन्य जीव प्रभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक पवन कुमार उपाध्याय की ओर से लेपर्ड को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए थे. इसके लिए पूरे एरिया में करीब 12 शूटर पहले ही तैनात कर दिए गए थे.
तलाश में 10 से ज्यादा टीमें लगी
इससे पहले लेपर्ड को शूट करने के लिए 1 अक्टूबर को दिनभर गोगुंदा के आस-पास जंगलों में सर्च चला, लेकिन वह नजर नहीं आया. डीएफओ ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे सर्च ऑपरेशन पूरा होने तक घरों में रहें. अकेले बाहर नहीं निकलें. बच्चे और महिलाएं ग्रुप में ही बाहर निकलें.
खेतों में अकेले काम करने और अकेले जंगलों में मवेशी चराने के लिए नहीं जाएं. बड़गांव थाना क्षेत्र के राठौड़ों का गुड़ा गांव में 30 सितंबर को लेपर्ड ने पुजारी को मार डाला था.
हथियारों के साथ तैनात जवान
10 टीमों में 90 से ज्यादा मेंबर हैं. ये लोग सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं. इनमें वन विभाग के कर्मचारी, पुलिस, सेना के जवान और कुछ ग्रामीण शामिल हैं. पुलिस की टीम भी हथियारों के साथ तैनात है. वहीं ग्रामीण लाठी और अन्य औजार लेकर टीम के साथ में सर्च के लिए सहयोग कर रहे हैं. प्रत्येक टीम में एक से दो शूटर हैं. इसके अलावा 7 रेंजर सहित स्थानीय कर्मचारियों को भी लगाया गया है.
उदयपुर शहर के अंबामाता थानाधिकारी डॉ हनुवंत सिंह राजपुरोहित, सुखेर थाना अधिकारी हिमांशु सिंह राजावत, गोगुंदा थानाधिकारी शैतानसिंह भी वन विभाग की टीम के साथ इस ऑपरेशन में शामिल हैं.
आदमखोर तेंदुआ ने सर्च ऑपरेशन दौरान पुलिस के जवान प्रदीप चौधरी पर अटैक करने की कोशिश की. वहीं बचाव के लिए प्रदीप ने दो राउंड फायर भी किया.
उदयपुर से चेतन कुमार की रिपोर्ट.
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