Rajasthan ERCP News: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) पर छिड़ा सियासी संग्राम जारी है. अब ख़बर आ रही है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) को ईआरसीपी का काम रोकने के लिए कहा है. दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने ट्विटर पर ट्वीट किया, "केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का काम रोकने के लिए कहा है. हमारी सरकार ने ईआरसीपी के लिए 9,600 का बजट राज्य कोष से जारी किया है"


सीएम गहलोत ने अगले ट्वीट में लिखा, "जब इस प्रोजेक्ट में अभी तक राज्य का पैसा लग रहा है और पानी हमारे हिस्से का है तो केंद्र सरकार हमें ईआरसीपी का काम रोकने के लिए कैसे कह सकती है?" इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि राजस्थान के 13 जिलों की जनता देख रही है कि उनके हक का पानी रोकने के लिए केंद्र की बीजेपी कैसे रोड़े अटका रही है. प्रदेश सरकार ईआरसीपी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.



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ईआरसीपी क्या है?


राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का खाका तैयार किया गया था. इसके अंतर्गत पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदी को जोड़ने की बात कही गई थी. साथ ही पूर्वी राजस्थान के जयपुर, अजमेर, करौली, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर, अलवर, बारा, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर, बूंदी और कोटा को जल संकट से छुटकारे के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए भी जरूरत का पानी मिलने की बात बताई जा रही थी. बताया जा रहा है कि ईआरसीपी योजना को पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये लगेंगे.


राज्य सरकार इतने बड़े खर्च वाली परियोजना को खुद के दम पर पूरा नहीं कर सकती थी. ऐसे में गहलोत सरकार केंद्र सरकार से बार-बार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घाषित करने की मांग कर रहे थे. अगर केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर देती तो इसमें खर्च होने वाली 90 फीसदी रकम उसे ही देनी होती.


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