Rajasthan Politics: राजस्थान में कल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkaru) थे. सीकर में कल खाचरियावास में पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) की पुण्यतिथि थी. जहां पर प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गज नेता मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (vasundhara raje) ने कई बड़ी बातें कहीं हैं. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद चूरू में स्थित सालासर के बालाजी मंदिर में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और राजे ने दर्शन किये.


मंदिर के पुजारी मांगी लाल पुजारी ने पूजा-अर्चना का कार्यक्रम पूरा कराया. जानकारी के अनुसार नितिन गडकरी दूसरी बार बालाजी के दर्शन किये हैं. इसके पहले जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी करीब 7-8 साल पहले तब गडकरी साथ में मंदिर में पूजा अर्चना की थी. मांगी लाल पुजारी ने पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार यह पूजा-अर्चना का कार्यक्रम पूरा कराई है. इसके कई राजनीतिक संकेत माने जा रहे हैं. क्योंकि, चार मार्च को राजे ने अपना जन्मदिन यही पर मनाया था. उस दौरान एक बड़ा कार्यक्रम भी हुआ था. अब फिर एक बार यहां पूजा अर्चना के कार्यक्रम को उसी क्रम में देखा जा रहा है.  


राजे ने बताई 1996 की कहानी 


पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने कहा है कि पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत उस वक्त बहुत आहत हुए,जब एक तरफ़ तो उनकी 1996 में क्लीवलैंड में हार्ट की सर्जरी हो रही थी और दूसरी ओर जयपुर में उनकी सरकार गिराने के लिए ‘ऑपरेशन’ चल रहा था. हालाँकि, कांग्रेस इसमें सफल नही हुई. राजे ने कहा कि सभी दलों के राजनेताओं से भैरों सिंह जी के मधुर सम्बंध थे. स्व.हरिदेव जोशी एसएमएस में भर्ती हुए,तब स्व.भैरों सिंह सीएम थे. वे जोशी के पास नियमित अस्पताल जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछते थे. चिकित्सकों को निर्देश देते थे. एक बार जोशी ने शेखावत से कहा आपसे मिलना है, सीएमओ आजाऊँ ? उन्होंने मना कर दिया. अगले आधे घंटे में वे जोशी जी के घर पहुँच गये. 


सुखाड़िया से थे अच्छे संबंध 


जोशी से ही नहीं उनके पूर्व सीएम स्व.मोहन लाल सुखाडिया सहित कांग्रेस के कई नेताओं से मधुर सम्बंध थे. इसका अर्थ ये नहीं था कि वे आपस में मिले हुए थे,जब भी संगठन की बात आती, भैरों सिंह जी चट्टान की तरह उनके ख़िलाफ़ खड़े हो जाते थे. उन्होंने कहा कि मुझे  झालावाड़ भेजने के निर्णय में भैरों सिंह जी की दूर दृष्टि थी. उन्हीं के कारण मुझे प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला. भैरों सिंह कहते थे कि कठिन समय में व्यक्ति तप करके तो निखरता ही है, उसे अपने परायों की भी पहचान होती है.