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Exclusive: पूर्व स्‍पीकर शेखावत बोले 70 से अधिक आयु के लोगों को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, इसलिए मैंने किया ऐलान

Rajasthan Election 2023 News:- पूर्व स्‍पीकर शेखावत सचिन पायलट समर्थक विधायक माने जाते हैं. 2020 में शेखावत ने भी पायलट के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी. आप भी पढ़िए, पूरा इंटरव्यू.

Rajasthan Elections 2023: राजस्‍थान कांग्रेस में एक बार नए सिरे से सियासी हलचल तेज है. कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री भरत सिंह के बाद अब 72 साल के पूर्व स्‍पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत (Deependra Singh Shekhawat) ने 2023 का विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. वह सीकर जिले के श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. ऐसा कदम उन्‍होंने क्‍यों उठाया? इसके पीछे शेखावत का कोई सियासी मकसद है या पार्टी में युवाओं को आगे लाने के लिए यह कदम उठाया? इसको लेकर एबीपी लाइव ने शेखावत का इंटरव्‍यू किया. पूर्व स्‍पीकर शेखावत सचिन पायलट समर्थक विधायक माने जाते हैं. 2020 में शेखावत ने भी पायलट के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी. आप भी पढ़िए, पूरा इंटरव्‍यू...

सवाल-1: दो दिन पहले पूर्व स्‍पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने अचानक चुनाव लड़ने का ऐलान क्‍यों किया?

जवाब: यह अचानक उठाया गया कदम नहीं है. राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस में युवा आगे आएं. वह चाहते हैं कि शीर्ष पदों पर युवा बैठें, लेकिन अभी दुर्भाग्‍य से ऐसा नहीं हो पा रहा है. प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी कहा था कि बुजुर्ग नेताओं को चुनाव न लड़ने के लिए ऐलान खुद ही करना चाहिए. ऐसे में मैंने सोचा कि विधानसभा चुनाव होने में समय कम बचा है. सही समय पर चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया जाए, जिससे जनता के मन में कोई भ्रम न रहे.

सवाल-2: श्रीमाधोपुर से यदि आप चुनाव नहीं लड़ते तो उस सीट से आप किसे प्रत्‍याशी बनाए जाने की सिफारिश करेंगे? बेटे बालेंदु सिंह शेखावत को या परिवार के किसी दूसरे सदस्‍य को?

जवाब: कांग्रेस किसे प्रत्‍याशी बनाती है या नहीं बनाती है, इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है. श्रीमाधोपुर की जनता ने मुझे काम करने का बहुत मौका दिया. जनता की सेवा केवल चुनाव लड़कर ही नहीं की जा सकती. बिना चुनाव लड़े भी मैं इस श्रेत्र के लोगों के लिए आगे भी कार्य करता रहूंगा. उम्र को देखते हुए बस चुनाव नहीं लड़ूंगा.
  
सवाल-3: चुनाव न लड़ने के पीछे कोई सियासी मकसद तो नहीं? ऐसा तो नहीं कि कुछ लोगों को टारगेट करने या दबाव बनाने के लिए ऐसा कदम उठाया हो?

जवाब: अब समय आ गया है कि राजनीति में भी उम्र की सीमा तय होनी चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आखिरी सांस तक कोई राजनीति करता रहे और युवाओं को राजनीति करने का मौका ही न मिले. खासकर कांग्रेस पार्टी में इसको लेकर जोर दिया जा रहा है. मेरे से पहले भी कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री भरत सिंह और अमीन खान चुनाव न लड़ने की बात कह चुके हैं.

सवाल-4: सचिन पायलट के जनसंघर्ष यात्रा के अंतिम दिन आप भी शामिल हुए थे. पायलट ने जो तीन मांगें रखी थीं, क्‍या वो मांगें पूरी की जा सकती हैं?

जवाब: पायलट ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जनसंघर्ष यात्रा की थी. मांगों को पूरा करने में दिक्‍कत कहां है? सरकार चाहे तो उन मांगों को तत्‍काल पूरा किया जा सकता है. इससे सरकार की छवि भी निखरेगी, लेकिन देखना रोचक होगा कि सरकार मांगे मान रही है या नहीं.

सवाल-5: 2020 में गहलोत सरकार से बगावत करने के बाद जब प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई थी, उस दौरान क्‍या बातें हुई थीं?

जवाब: कांग्रेस सरकार में जिस तरह से भ्रष्‍टाचार हावी था, उसके बारे में सभी साथी विधायकों ने प्रियंका गांधी को बताया था. किस तरह से विधायकों और मंत्रियों तक की सुनवाई प्रशासन और सरकार के स्‍तर पर नहीं हो पा रही थी. उसके बारे में उन्‍हें बताया गया था. 

सवाल-6: क्‍या 2020 में जो पायलट समर्थक विधायकों की शिकायते थीं, वो दूर हो गई हैं?

जवाब: भ्रष्‍टाचार को लेकर शिकायतें दूर हो गई होतीं तो सचिन पायलट को पिछले महीने अजमेर से जयपुर तक पैदल जनसंघर्ष यात्रा निकालने की जरूरत क्‍यों पड़ती? लेकिन अब इस मामले में मेरे लिए कुछ भी बोलना ठीक नहीं है.

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