Pratap Singh Khachariyawas Exclusive: साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक का दौर जारी है. कभी सचिन पायलट के बेहद करीबी रहे कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सियासी संकट के दौरान खुलकर सरकार का साथ दिया था. बाद में उनसे परिवहन विभाग से हटाकर खाद्य एवं आपूर्ति की कमान दी गई. अब इस विभाग से भी 3000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को हटाकर किसी दूसरी एजेंसी को थमा दिया गया है, जिसको लेकर अपनी ही सरकार से खाचरियावास नाराज चल रहे हैं. कह रहे हैं कि नियम के खिलाफ काम करने वाले अधिकारी जेल जाएंगे. राजस्थान की राजनीति से लेकर अपने विभाग तक के मामलों पर खाचरियावास ने एबीपी लाइव से खुलकर बातचीत की. जरा आप भी पढ़िए पूरा इंटरव्यू.
1. राजस्थान की राजनीति कैसी चल रही है?
जवाब- राजस्थान की राजनीति अच्छी है. हमारा काम भी अच्छा है और लोगों का रिस्पांस भी अच्छा मिल रहा है. राजस्थान में हमारी सरकार रिपीट करेगी.
2. क्या आप सरकार रिपीट होने के दो-चार पॉइंट बता सकते हैं?
जवाब- जनता के मन में एक ही बात है. केंद्र और राज्य सरकार की तुलना हो रही है. केंद्र सरकार से राजस्थान और प्रदेश की जनता नाराज है. जिस बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सत्ता में आई थी, उस महंगाई को रोकने में भाजपा नाकाम रही है. अब जनता समझदार है. जनता सब समझती है. एक तरफ राजस्थान सरकार का विकास का काम है और दूसरी तरफ केंद्र सरकार के झूठ और फरेब का. केंद्र सरकार के धोखे से लोग परेशान हैं. लोगों को काम चाहिए. कब तक धर्म और टकराव के नाम पर चुनाव जीते जाते रहेंगे? यह चुनाव कांग्रेस पार्टी का है और हमारी जीत तय है.
3. क्या कर्नाटक की जीत से कांग्रेस को राजस्थान में ऊर्जा मिली है?
जवाब- निश्चित तौर पर कर्नाटक की जीत से ऊर्जा मिली है. देश में ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा था कि भाजपा चुनाव नहीं हार सकती. पहले कांग्रेस को हिमाचल में जीत मिली. हिमाचल छोटा राज्य है. इसके बाद बड़े राज्य कर्नाटक में भी कांग्रेस की जीत हुई. भाजपा ने धर्म के नाम पर चुनाव लड़ा और बजरंगबली के नाम पर वोट मांगे, लेकिन बजरंगबली ने राहुल गांधी के हाथ में संजीवनी थमा दी. भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन भगवान कांग्रेस के साथ हैं. प्रकृति भी अब यह समझ रही है कि भाजपा जनता के साथ किए वादों को पूरा नहीं कर पा रही. भाजपा का सफाया शुरू हो चुका है. भाजपा आगामी राज्य के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हारने जा रही है.
4. राजस्थान में तो एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की परंपरा है. इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब- यह परंपरा बीते 20 सालों से है. इससे पहले सरकार 10 साल तक रही है और वह कांग्रेस की ही सरकार थी.
5. भैरो सिंह शेखावत भी तो लगातार दो बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाई और सीएम बने!
जवाब- भैरो सिंह दो बार चुनाव जीते, लेकिन 1990 के दशक में राम मंदिर के मुद्दे की वजह से उनकी सरकार गिर गई. सिर्फ कांग्रेस की सरकार ही लगातार दो बार रही है. कांग्रेस का काम अच्छा है. लोगों को लगता है कि कांग्रेस सरकार ही महंगाई से मुक्ति दे सकती है. लोगों को पता है कि भाजपा सिर्फ बात करती है, काम नहीं.
6. लेकिन, यह बातें तो वसुंधरा राजे भी करती थीं!
जवाब- साल 2018 में जब हम चुनाव में उतरे तो हम दमदार विपक्ष के तौर पर चुनाव में उतरे. वसुंधरा राजे पर कई आरोप लग रहे थे. वसुंधरा राजे व्यापारी, मजदूर और विद्यार्थियों के लिए कोई योजना नहीं ला सकी थी. हमने ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिसका प्रत्यक्ष लाभ आम जनता को मिल रहा है. लोगों को पता है कि महंगाई से कांग्रेस ही राहत दे सकती है.
7. सचिन पायलट ने हाल ही में कहा कि वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों की जांच नहीं हो रही. इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब- आपकी यह बात सही है. सचिन पायलट ने हाल ही में पदयात्रा शुरू की और उनके साथ बड़ी संख्या में लोग भी निकले हैं. यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है. पार्टी में इस तरह की बातें चलती रहती हैं. पार्टी आलाकमान इन बातों को देख रहा है कि इसे कैसे सुलझाना है? कांग्रेस के अन्य मंत्री जहां जा रहे हैं, वहां भी भीड़ देखने को मिल रही है. सचिन पायलट के साथ भी भीड़ है. कुल-मिलाकर भीड़ कांग्रेस पार्टी के साथ ही नजर आ रही है.
8. क्या कांग्रेस सरकार ने वसुंधरा सरकार को लेकर जांच करा चुकी है?
जवाब- सरकार ने जांच के लिए आयोग गठित किया था. मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि सचिन पायलट आगे भी आवाज उठाएंगे तो उनका साथ दिया जाना चाहिए. राहुल गांधी खुद भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. कोई भी नेता जो भाजपा के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज उठाए, उसका सम्मान दिया ही जाना चाहिए.
9. सचिन पायलट ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. क्या लगता है कि 15 दिन में कांग्रेस के भीतर कुछ होने वाला है?
जवाब- जहां तक अल्टीमेटम की बात है तो मुख्यमंत्री सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. मामले को मुख्यमंत्री खुद देख रहे हैं. आलाकमान भी मामले को देख रहा है. चुनाव से पहले का यह वक्त संवेदनशील है. इस वक्त हम सभी को गले मिलकर साथ चलकर आगे बढ़ने की जरूरत है. किसी नेता को कुछ कदम पीछे हटाने की जरूरत होगी तो इस दिशा में काम किया जाएगा. कांग्रेस नेताओं को सोनिया गांधी से सीख लेने की जरूरत है.
10. जब दो नेताओं के बीच में कोई मतभेद हो तो प्रभारी की जिम्मेदारी है कि वह इस मतभेद को दूर करें. क्या प्रभारी इस भूमिका को निभा पा रहे हैं?
जवाब- मेरी आज ही प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ बात हुई. वह चाहते हैं कि दोनों नेताओं के बीच बने मतभेद खत्म हो जाएं. वे पहले भी इसे लेकर प्रयास कर चुके हैं. वह कह रहे हैं कि मतभेद दूर किए जाने चाहिए. रंधावा इसे लेकर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. वे चाहते हैं कि सभी नेता मिलकर चुनाव में जाएं.
11. प्रभारी चाह रहे हैं कि मतभेद दूर हो, लेकिन पार्टी के कुछ नेता तो ऐसा बयान दे रहे हैं कि हमें पानी पिलाने आता है?
जवाब- वह धारीवाल का गलत बयान था. मैंने कहा था कि यह पानी पिलाने का नहीं, गले लगाने का वक्त है. उन्होंने जो बयान दिया, वह गलत था.
12. क्या आपके स्तर से ऐसा कोई प्रयास किया जा रहा है, जिससे कांग्रेस मजबूत हो.
जवाब- मैं चाहता हूं कि सब नेता एक मंच पर आएं. राहुल गांधी और मलिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में चुनाव हो. यदि मुझे भी किसी नेता से व्यक्तिगत तौर पर जाकर मिलना पड़ा तो मैं खुद भी जाकर मिलूंगा. मैं प्रैक्टिकल व्यक्ति हूं. जब हम सब मिलकर चुनाव लड़े थे तो 100 सीट पर जीत हासिल की थी. हमें निर्दलीयों का साथ लेकर पूरे पांच साल तक सरकार चलाई. इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 156 का नारा दिया है. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ने नारा दिया है तो 156 सीटों पर जीत हासिल हो. इसके लिए सब अपने स्तर पर भरपूर प्रयास करेंगे.
13. प्रताप सिंह किधर हैं? इधर हैं या उधर?
जवाब- प्रताप सिंह किसी की मेहरबानी से राजनीति में नहीं आया. किसी नेता को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. प्रताप सिंह सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मलिकार्जुन खरगे और कांग्रेस पार्टी के साथ हैं. सोनिया गांधी ने जब मुझे लोकसभा का टिकट दिया तो दिल्ली से डायरेक्ट टिकट मिला. यहां किसी से कोई बात नहीं हुई. मैं राजपूत का बेटा हूं. जब तक वह मुझे धक्का नहीं देंगे, तब तक मैं कांग्रेस से नहीं जाऊंगा. मैं चाहता हूं कि कांग्रेस मजबूत हो. हम सब एक रहेंगे. मैं किसी गुट में नहीं हूं. मेरा मानना है कि जब हाईकमान मजबूत होता है, तब पार्टी ठीक चलती है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी आलाकमान मजबूत हुआ है.
14. पिछले दिनों जैसलमेर में पाकिस्तान से आए हिंदुओं का आवास गिरा दिया गया. आपने कहा था कार्रवाई होगी, लेकिन क्या कार्रवाई हुई?
जवाब- जो कार्रवाई हुई, वह गलत है. पाकिस्तान में हिंदुओं को प्रताड़ित किया गया. इसके बाद वे यहां आए और अब राजस्थान में आकर इतनी गर्मी के वक्त में उनका आवास तोड़ दिया गया. यह गलत कार्रवाई है. कभी अधिकारियों को घमंड हो जाता है. मैंने मामले को मुख्यमंत्री के सामने भी उठाया है. कांग्रेस तो वहां पार्टी है जो विस्थापितों को सहारा देती है. जो विस्थापित होकर आए हैं, उनकी मदद करना हमारी जिम्मेदारी है. यह अधिकारियों का गलत फैसला था, हम कार्रवाई करेंगे.
15. कांग्रेस में हिंदुओं को लेकर जिस ताकत के साथ आप बात रखते हैं, अन्य नेता वैसे बात नहीं रख पाते! क्या कारण है?
जवाब- पता नहीं, वैसा क्यों नहीं करते? वह खुद हिंदू हैं. हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सब का सम्मान करना कांग्रेस का फर्ज है. कौन-सा मुसलमान हिंदू हित की बात करने से रोकता है? मुसलमान ने कब राम का नाम लेने से मना किया? हम तो खुद भगवान राम के वंशज हैं. हमारे इलाके के मुसलमान इस बात पर गौरवान्वित महसूस करते हैं. मेरे राम किसी का बुरा नहीं करते. मेरे नाम हिंदू-मुसलमान सभी का भला करते हैं.
16. एक मामला आपके विभाग का भी है. तीन हजार करोड़ का एक प्रोजेक्ट आपके विभाग से शिफ्ट कर दूसरे विभाग को दे दिया गया.
जवाब- यह गैर-कानूनी है. गलत किया गया है. एनएफएसए परिवारों को किट देने की बात थी. इसे हमारे विभाग ने तैयार किया था. इसकी घोषणा के बाद हमारे विभाग को एक हजार करोड़ रुपए मिले थे. वित्त विभाग के अधिकारियों ने फाइल घुमा दी. हमारे विभाग में कोई गड़बड़ी नहीं होती. जब उपभोक्ता अंगूठा लगाता है, तभी उसे गेहूं मिलता है. अन्यथा गेहूं वापस चला जाता है. इसमें गड़बड़ी का कोई मौका नहीं. यह काम विधानसभा के खिलाफ है. मैं आज ही यह बता रहा हूं कि कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी. विधानसभा के नियम के अनुसार कई अधिकारी जेल जाएंगे. मुझे भी नोडल एजेंसी बनाने की तैयारी थी, लेकिन मेरे कहीं साइन नहीं हैं. जो गलत काम करेगा, वह खामियाजा भी भुगतेगा.
17. क्या इससे ऐसा नहीं लगता कि राजस्थान सरकार पर अफसरशाही बुरी तरह हावी है?
जवाब- इसमें कोई दोराय नहीं. यह बिलकुल गलत हुआ. मैं खुद अचंभित रह गया था. जब विधानसभा में विभाग को काम मिला तो इसे बदला नहीं जा सकता. हमारे विभाग की जगह कॉनफेड को किट बांटने का काम दिया गया. इस पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. ईडी और सीबीआई पहले से बैठी है, जांच कर रही है. मैं तो यह सोच रहा हूं कि कौन ऐसा महान व्यक्ति है, जिसके लिए नियमों को ताक पर रखकर यह काम किया गया.
18. क्या आपने मुख्य सचिव को भी कोई चिट्ठी लिखी है?
जवाब- मैंने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है. अभी जो अधिकारी कूद रहे हैं, उन पर जब कार्रवाई होगी तब पता चलेगा क्या होगा. यह वह बातें हैं, जो मीडिया के सामने ज्यादा बताई नहीं जा सकती.
19. क्या मुख्य सचिव को लिखी गई चिट्ठी का कोई जवाब आया?
जवाब- चाहे चीफ सेक्रेटरी हो या फाइनेंस सेक्रेटरी, इसका जवाब देना ही होगा. मुझे गलत काम करना भी आता है. मुझे जो कागजी कार्रवाई करनी थी, मैंने कर दी है. जिम्मेदार अधिकारियों को भुगतना होगा, यह तय है.
20. क्या इसमें कोई एक्शन हुआ?
जवाब- आंगनबाड़ी और पोषाहार में जो मिड-डे-मील का मामला है. उसमें पहले ही कॉनफेड जांच के दायरे में है. खाद्य विभाग में इसके पारदर्शिता के साथ टेंडर होते. कॉनफेड तो पहले ही टारगेट पर है. ऐसा क्या हो गया जो अधिकारियों को विभाग ही बदलने पड़ गए? राजनीति में कई बार व्यक्ति को ऐसा लगता है कि जो मैं कर रहा हूं वह ठीक है. लेकिन वो ठीक होता नहीं.
21. कहीं ऐसा तो नहीं कि आप को कमजोर करने के लिए ऐसा किया जा रहा है?
जवाब- राजनीति में ऐसा होता है. जो जिंदा लोग हैं, उन्हें राजनीति में घेरा जाता है. लेकिन, एक बात याद रखने की जरूरत है कि मेरे ऊपर भगवान राम भगवान श्री कृष्ण, श्री श्याम और पंचमुखी हनुमान की कृपा है. मुझे कोई क्या घेरेगा? जो घेरने वाले हैं, वही निपट जाएंगे.
22. आपने एक बार मांग उठाई थी कि अफसरों की ACR लिखने की ताकत मंत्रियों को दी जाए!
जवाब- मैं आज भी इस बात पर कायम हूं. प्रताप सिंह खाचरियावास मर सकता है, लेकिन झुक नहीं सकता. देश के संविधान के मुताबिक, एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों का है. मैंने मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा उठाया था. अधिकारियों की एसीआर सीएमओ दफ्तर क्यों लिख रहा है? उस वक्त कुछ मंत्रियों ने कहा था कि हम खुद एसीआर लिख रहे हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि कौन-कितनी एसीआर लिख रहा है? देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता. सांसद और विधायक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुनते हैं. ऐसे में विधायकों को कमजोर कर लोकतंत्र को मजबूत नहीं किया जा सकता.
23. लेकिन, इस मामले में कुछ हुआ नहीं!
जवाब- राजनीति के जिस घेरे में मैं बैठा हूं. यदि इसमें कोई जिद्द आ जाए. मुख्यमंत्री से मैंने मांग की थी. अब उन्होंने इस पर कुछ नहीं किया. राजनीति में एक दायरे में रहकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है. मैं कैबिनेट में उनका सहयोगी हूं. जहां जब बात आएगी, मैं इस मामले को रखूंगा. मैं एसीआर लिखने के मामले में आज भी कायम हूं.
24. एसीआर की बात प्रताप सिंह ही क्यों करते हैं. दूसरे मंत्री क्यों नहीं करते?
जवाब- यह अपनी-अपनी राजनीति है. राजनीति में हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस करता है. हर मंत्री को लगता है कि मेरा भविष्य में क्या होगा? यहां अगले पल का ही नहीं पता होता. इसलिए जब तक जीवित हैं, तब तक स्वाभिमान से जीना चाहिए. भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है, जो आया है वह जाएगा. इसलिए ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है. अपने अधिकार के लिए लड़ना जरूरी है.
25. हाल ही में योजना भवन में दो करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ. इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब- यह गंभीर मामला है. इसमें वेद प्रकाश यादव पकड़ा भी गया है. हमारी पुलिस को इस मामले में तह तक जाना चाहिए. मुख्यमंत्री जी इस मामले को देख रहे होंगे. विभाग उन्हीं के अधीन आता है. आरोपी से पूछताछ होनी चाहिए. बाकी अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए. सभी अधिकारियों की खुली जांच होनी चाहिए. सच्चाई सामने आने चाहिए. हमारी सरकार और मुखमंत्री ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस पर काम किया है. अब हम देखेंगे कि इस मामले में हम कितने अच्छे रिजल्ट लेकर आती है.
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