Rajasthan Power Crisis News: राजस्थान में जहां भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग भी बढ़ गई है. बिजली की मांग में बढ़ने से पावर कट में भी इजाफा हुआ है. पावर कट की वजह से लोगों की परेशानी को अब विपक्षी दल वहां पर मुद्दा बनाने में जुट गए हैं. बिजली की कमी से पार पाने के लिए प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा ने खुद कमान संभाल रखी है. मामला यहां तक पहुंच गया है कि बिजली अधिकारियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है. 


इसके बावजूद हकीकत यह है कि रात छह बजे से दो बजे तक बिजली कट से लोग परेशान हैं. राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में सभी सवालों का जवाब दिए.


ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है जयपुर में बिजली कट का कोई आदेश नहीं है. मेंटिनेंस की वजह से कोई परेशानी आ रही है तो वो अलग बात है. यहां पर केबल कट जाने या ट्रांसफार्मर में कोई कमी आ जाने से बिजली कट हो रही होगी. यहां पर कोई बिजली कटौती नहीं हो रही. जो बिजली के प्लांट बंद थे, उन्हें भी चालू किया जा रहा है. 


'बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी'


धौलपुर प्लांट बंद था, उसकी टेस्टिंग हो गई है. धौलपुर गैस प्लांट को भी छह बजे से रात दो बजे तक चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं. चाहे वहां की बिजली 20 रुपए यूनिट की होगी, उसका भी खर्ज सरकार उठाने को तैयार है. बिजली की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. कालीसिंध सुपर थर्मल प्लांट 600 मेगावाट 28 मई को और 220 मेगावाट की सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन भी 30 मई से शुरू हो जाएगी. इनका मेंटिनेंस चल रहा है. 


भीषण गर्मी के बीच यह स्थिति इसलिए बनी है कि पिछले पांच साल में अशोक गहलोत सरकार ने एक भी नए प्लांट नहीं खोले. यही वजह है ​जो प्लांट आपरेशन में हैं, उन्हें थोड़ी भी राहत नहीं मिल रही है. आने वाले दिनों में सब ठीक हो जाएगा.


'दिन में बिजली की कोई परेशानी नहीं'


राजस्थान के कस्बों में जहां भी अस्पताल है या कोई आपताकालीन व्यवस्था है, उसके लिए कोई बिजली कट के आदेश नहीं हैं. जो लोड सेटिंग आ रहा है, वो ग्रामीण फीडर में कहीं-कहीं आ रहा है. ग्रामीण फीडर से ही कंट्रोल किया जा रहा है. इंडस्ट्री के बिजली लोड सेटिंग पर पर भी विचार किया जा रहा है. यहां तक कि बीकानेर और जोधपुर की तरफ कृषि क्षेत्र लिए लोड आ रहा है. उसे रात को 2 बजे शिफ्ट कर दिया गया है. अभी जो परेशानी आ रही है, वह सिर्फ रात 7 बजे से 2 बजे तक है. दिन में बिजली की कोई परेशानी नहीं है.


'गहलोत सरकार ने नहीं लगाए कोई प्लांट' 


ऊर्जा मंत्री का कहना है कि दिन में हमें सोलर से बिजली मिल जाती है. रात में सिर्फ विंड और थर्मल ही सहारा है. विंड से भी कभी-कभी पूरा प्रेसर न बनने से परेशानी आ जाती है. इसलिए, हम बिजली खरीद रहे हैं. जितनी बिजली लेनी पड़ रही है वो ली जा रही है. जल्द ही स्थिति बेहतर होगी. अशोक गहलोत सरकार ने सिर्फ बिजली खरीदी और सप्लाई की थी. कोई नया प्लांट नहीं लगाने से ये परेशानी बनी हुई है.


'बिजली संकट से पार पाने को सरकार की तैयारी' 


ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अभी प्रदेश को 17 हजार मेगावाट बिजली की डिमांड पीक पर आ रही है. वहीं, सरकार 32 हजार मेगावाट के प्लांट बनाने जा रही है. केंद्रीय उपक्रमों के साथ एग्रीमेंट हो चुका है. आचार सहिंता खत्म होने के बाद काम शुरू होगा. झालावाड़ और छबड़ा में प्लांट लगेंगे. सोलर, पम्प स्टोरेज और पम्प हाइड्रो के प्लांट लगेंगे.


कब आएगी इंटरडिस्कॉम पॉलिसी? 


ऊर्जा मंत्री का कहना है कि इंडटडिस्कॉम पॉलिसी पर अभी बहुत डिस्कस नहीं हुआ है. समय मिलने पर सरकार इस पर विचार कर कर्मचारियों के हित में निर्णय लेगी. यह इंटरनल मामला है.


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