Rajasthan News: देश में रक्तदान और एसडीपी के क्षेत्र में कोटा ने कीर्तिमान स्थापित किया है. वहीं नेत्रदान में भी अब पीछे नहीं है. ऐसे में नेत्रदान का संदेश देने के लिए सामाजिक, धार्मिक उत्सवों में संदेश दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार एक दूल्हे की निकासी में हाथों में तख्तियां लेकर नेत्रदान का संदेश दिया गया. शाइन इंडिया फाउंडेशन और आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में नैत्रदान के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संस्था के ज्योति मित्र, राठौर सौशल ग्रुप के अध्यक्ष सोनू साहू लाडला ने अपने विवाह समारोह को ही वृहद नेत्रदान जागरूकता शिविर का रूप दे दिया है.


शादी समारोह में रस्मों की चर्चा कम
दो महीने पहले विवाह तय होते ही उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी अंतिमा साहू और दोनों परिवारों के सदस्यों से विवाह समारोह में नेत्रदान संकल्प पत्र शिविर लगाने और नेत्रदान संकल्प लेने की बात कर ली थी. इस बात पर सभी ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की. परिवार में नेत्रदान के प्रति जागरूकता को बढ़ते हुए देखने पर सोनू ने एक और अनोखा निर्णय लिया कि, उन्होंने अपनी पूरी बारात को ही नेत्रदान का संदेश देती झांकी में बदल दिया. गुरुवार को सोनू और अंतिमा का विवाह संपन्न हुआ. पूरे दिन और रात विवाह समारोह में अन्य किसी शुभ कार्य की चर्चा कम थी पर नेत्रदान की चर्चा सभी जगह थी.




कट आउट रहे आकर्षण का केन्द्र
घर परिवार के छोटे-छोटे बच्चों ने भी अपने माता-पिता से मनुहार करके नेत्रदान के संकल्प पत्र भरवाए. दूरदराज से आने वाले लोग नेत्रदान संकल्प के लिए काउंटर पर आए और पहली बार उन्होंने जाना कि मृत्यु के बाद भी आंखे काफी समय तक जीवित रहती हैं और वह किसी की आंखों में रोशनी पहुंचा सकती है. बारात में दूल्हे के हाथ में नेत्रदान महादान का संदेश देते हुए एक कटआउट था. इसी तरह बारात में आए हुए मेहमानों के पास भी नेत्रदान महादान का संदेश देते हुए तख्तियां मौजूद थीं. शादी में आए हुए मेहमानों और रास्ते में आने वाले लोगों को नेत्रदान जागरूकता के पम्पलेट भी बांटे गए.


झांकी रही आकर्षण का केंद्र
बारात में एक झांकी भी आकर्षण का केंद्र रही. जिस पर नेत्रदान को परिवार में परंपरा बनाए रखने का संदेश लिखा हुआ था. इसके साथ ही शादी समारोह में दो जोकर भी सभी मेहमानों के बीच जाकर नेत्रदान महादान का संदेश दे रहे थे. दूल्हे के तोरण मारने से पहले जितने भी मेहमान उपस्थित थे उन सभी के लिए एलईडी पर नेत्रदान जागरूकता का संदेश दिया.


शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ. कुलवंत गौड़ ने बताया कि उनकी संस्था का ही पहला प्रयास था, जब पहली बार 3 वर्ष पूर्व दूल्हा दुल्हन ने अपने विवाह समारोह में नेत्रदान संकल्प शिविर रखा था. उसके उपरांत देश के कई सारे वैवाहिक समारोह में इसी आयोजन को दोहराया गया. अब इस बार संस्था की ओर से दूल्हे की बारात के माध्यम से नेत्रदान का संदेश देते हुए जागरूकता का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया गया है. इस तरह का आयोजन भी देश में पहली बार किया जा रहा है.


दुल्हा दुल्हन ने लिया नेत्रदान का संकल्प
दूल्हे ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के पीछे अपना उद्देश्य बताते हुए कहा कि, जिस तरह से ईश्वर ने मेरी दुनिया में रंग भरे हैं, मैं चाहता हूँ कि, मेरे इस दुनिया से जाने के बाद किसी और की दुनिया भी रंगीन हो और यह संदेश समाज के लोगों में जा सके. इसलिए विवाह उत्सव में जहां समाज के सभी लोग इकट्ठे होते हैं, मैंने यह नेत्रदान संकल्प शिविर और सपत्निक स्वयं के नेत्रदान संकल्प का निर्णय लिया. देर रात तक विवाह समारोह में 230 व्यक्तियों ने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरे गए. ज्यादातर लोग नेत्रदान के बारे में जानते समझते थे, पर संकल्प भरने का मौका इस विवाह समारोह में ही संभव हो पाया है. राठौर समाज के सभी पदाधिकारियों ने सोनू जी के इस प्रयास की खूब सराहना की.


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