Rajasthan Politics: भारतीय जनता पार्टी जोधपुर में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर और बूथ कार्य मारवाड़ में पार्टी अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन प्रदेश बीजेपी में सीएम फेस की वजह से गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है. पार्टी ने इस बैठक में सीएम चेहरे की प्रबल दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नहीं बुलाया है. इधर कांग्रेस में भी पहले बगावत कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा एक बार फिर सक्रिय है और पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव की रणनीति इख्तियार किए हुए है. इसके लिए बकायदा पायलट के जन्मदिन के बहाने उनके समर्थक शक्ति प्रदर्शन करने वाले है. इस तरह बीजेपी और कांग्रेस में दावेदारों में सीएम बनने की महत्वकांक्षा प्रबल होने से दोनों दलों में गुटबाजी सामने आने वाले दिनों में ओर गर्माने की आशंका है.


राजे समर्थकों ने किया शक्ति प्रदर्शन
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए जन्मदिन मनाया. राजे समर्थक विधायक लगातार राजस्थान में बीजेपी के मुख्यमंत्री फेस बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं आज कांग्रेस के टोंक विधायक व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के जन्मदिन पर समर्थकों का भारी जमावड़ा जयपुर में पायलट के आवास पर मौजूद रहा. वहीं बधाई देने के लिए भारी संख्या में प्रदेश के कई जिलों से कार्यकर्ता पहुंचे. विधायक के समर्थकों ने सीएम बनाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की.


बीजेपी में सीएम फेस के कई दावेदार
बीजेपी के बड़े नेता वैसे भी पहले यह स्पष्ट कर चुके हैं कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में किसी नेता को सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा, इसलिए पूर्व सीएम राजे को अभी से किनारे किया जाने लगा है. वैसे बीजेपी आलाकमान के गुडबुक में अभी केद्रीय मंत्री गजेंन्द्र सिंह शेखावत व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया हैं और वे दोनों हीं इस कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा से लेकर तमाम तैयारियों की बागडोर संभाले हैं. प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले बीजेपी में सीएम फेस को लेकर अंतर्कलह की स्थिति है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक बीजेपी आलाकमान पर राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का दबाव बनाए हुए हैं. बड़ी संख्या में बीजेपी के विधायक वसुंधरा राजे के गुट के हैं. बीजेपी आलाकमान प्रदेश में  सीएम फेस के लिए गजेंन्द्र सिंह को सबसे उपयुक्त चेहरा मानती है. 


वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी खुद उपयुक्त सीएम फेस मानकर दौड़ में शामिली है. इधर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर भी पहले से इस दौड़ में शामिल थे और अब केंद्रीय चुनाव समिति में लेकर पार्टी ने माथुर को भी सीएम फेस की लाइन में खड़ा कर दिया है. सतीश पुनिया, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव हरियाणा और राजस्थान में सक्रिय हैं. हालांकि सीएम पद के दावेदारों में सबसे अधिक लोकप्रिय व जनाधार के मामले में वसुंधरा राजे सबसे आगे हैं.


15 महीने बाद हैं चुनाव
बता दें कि प्रदेश में 15 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत से होना है. गहलोत अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेशभर में लोकप्रिय और ताकतवर नेता हैं. इस वजह से विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह उतनी आसान नहीं होने वाली है. ऐसे में वसुंधरा को लेकर पार्टी की अनदेखी बीजेपी पर भारी पड़ सकती है. खासकर मारवाड़ में चाहे पार्टी हो या जनता उनकी अच्छी पकड़ होने के साथ उनकां छत्तीस कौम में जुड़ाव है. जोधपुर में होने वाली ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और बूथ सम्मेलन से राजे को दूर रखने से उनके खेमे से जुडे विधायकों,नेताओं और कार्यकत्ताओं में भारी नाराजगी हो सकती है.  


पायलट की सीएम बनाने की मांग तेज
वहीं अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच दो साल पहले बगावत करने वाले सचिन पायलट खेमा यकायक सक्रिय हो गया है. पिछले कुछ दिनों से पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के साथ ही उनके सबसे नजदीक होने का विधायक दावा करने लगे है. वहीं उनके जन्मदिन पर बड़े आयोजन कर पायलट समर्थक अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करने वाले है.


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