Rajasthan News: 131वें दशहरा मेला 2024 का शुभारंभ श्रीराम रंगमंच पर विधिवत गणेश पूजन के साथ किया गया. इस आयोजन में कोटा दक्षिण और उत्तर के बीजेपी पार्षदों ने दूरी बनाकर रखी है. इसमें प्रशासन का एक भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा, न ही आयोजन को लेकर कोई व्यवस्था की गई. कांग्रेस पार्षदों ने आपस में पैसे जमा किए उसके बाद पंडित बुलाया गया, टेंट, प्रसाद की व्यवस्था की गई और पूजन सामग्री मंगवाई गई. कोटा के इतिहास में यह पहला अवसर था जब आपस में चंदा इकठ्ठा कर गणेश पूजन, देवश्यनी एकादशी पूजन किया गया हो.


इससे पहले दोनों पार्टियों के पदाधिकारी आपस में समन्वय बनाते हुए पूजन करते आए हैं. इस आयोजन में नगर निगम कोटा उत्तर एवं दक्षिण के अधिकारी और कर्मचारियों ने दूरी बनाई, जबकि मेले की परंपरा को निभाने के लिए मेला समिति के सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


परम्पराओं के साथ बीजेपी कर रही खिलवाड़
महापौर मंजू मेहरा ने कहा कि गणेश पूजन के साथ 131वें दशहरा मेले का शुभारंभ हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. यह मेला न केवल हमारे इतिहास और परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता का संदेश भी फैलाता है. उप महापौर पवन मीना ने कहा कि इस वर्ष का दशहरा मेला विशेष है, क्योंकि इसमें कई चुनौतियों के बावजूद मेला समिति के सदस्यों ने अपने स्वयं के खर्चे पर गणेश स्थापना का निर्णय लिया. यह हमारी सांस्कृतिक परंपरा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और प्रेम को दशार्ता है. हमें गर्व है कि हम इस परंपरा को जीवित रख पाए हैं. जबकी बीजेपी अपनी सालों पुरानी परम्परा और संस्कृति के साथ खिलवाड कर रही है.


महापौर ने लिखा यू नोट, आयुक्तों ने धारण किया मौन
मेला अध्यक्ष मंजू मेहरा द्वारा दोनों नगर निगम के आयुक्तों को पूर्व में दो बार यू नोट लिखकर गणेश पूजन करने के आदेश दिए गए थे, परंतु दोनों आयुक्तों ने किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं की और मौन साध लिया. इसके परिणामस्वरूप 130 वर्षों से चली आ रही परंपरा खटाई में आ गई. इस चुनौती के बावजूद, मेला समिति के सदस्यों ने पूर्व संध्या को बैठक कर अपने स्वयं के खर्चे पर गणेश स्थापना का निर्णय लिया. इस प्रकार, 131वां दशहरा मेला 2024 एक नई शुरूआत के साथ शुभारंभ हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर अपनी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने का संकल्प लिया. 


अधिकारी लिख रहे अस्तित्व में नहीं समिति 
उप महापौर कोटा दक्षिण पवन मीणा ने बताया कि अधिकारियों को चेयरमैन मंजू मेहरा ने दो बार यू नोट लिखा और जवाब मांगा. जिसमें कोटा उत्तर आयुक्त ने दक्षिण आयुक्त को पत्र लिखा जिसमें कहा कि कोटा उत्तर में समितियां अस्तित्व में नहीं है. दक्षिण द्वारा दशहरा मेला भरवाया जाए. ये भी कहा कि महापौर को चेयरमैन बनाया गया तो वह अपने स्तर पर निर्णय लेवें. ऐसे में एक बार फिर विवाद गहराता चला गया और राजनीति के चलते कोटा के राष्ट्रीय दशहरे की आभा को फीका करने का प्रयास राजनीतिक वश किया जा रहा है. कुछ दिन पूर्व कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने स्वायत्त शासन मंत्री खर्रा से मुलाकात कर समितियों को भंग करने का आग्रह किया था लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. बीजेपी चाहती है मेला आयोजन करने का पूरा अधिकार उन्हें मिले. 


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