Jodhpur News: भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस पिछले लंबे समय से बंध है समझौता एक्सप्रेस में बंद है लेकिन फिर भी पाकिस्तान से बिना वीजा भारत पहुंच रहे हैं पाक विस्थापितों का कहना हैं कि पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न लगतार बढ़ता जा रहा हैं हिन्दू बच्चियों का अपहरण और जबरन विवाह कराने की धमकियों से परेशान परिवार पाकिस्तान छोड़ कर भारत आ रहे है. पाकिस्तान में हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि परिवार बिना वीजा भारत में आ रहे है.
ऐसा ही 10 लोगों एक परिवार सोमवार को बाड़मेर में सामने आया. जो करीब 25-30 दिन से बाड़मेर के धोरीमन्ना इलाके रोहिला गांव में अपने रिश्तेदार के घर पर रह रहे है. इस परिवार ने पाकिस्तान के जो हालात बताए वो चौंकाने वाले हैं. परिवार ने कहा कि वहां रोज बच्चियों को उठाकर ले जाने की धमकी मिलती है. रोज मारपीट और उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं. इससे बेहद परेशान थे.
बिना वीजा के भारत पहुंचा परिवार
एसपी दीपक भार्गव के मुताबिक अधिकारिक रूप से कोई सूचना या कागज बाड़मेर पुलिस को नहीं मिला है. पाकिस्तानी परिवार बिना वीजा के यहां रह रहा है. इस परिवार ने दुबई व नेपाल में वीजा अप्लाई किया था, लेकिन नहीं मिला था. जोधपुर व बाड़मेर सीआईडी के समक्ष पेश हुए थे. विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध चीज सामने नहीं आई है. संज्ञान में आने के बाद पुलिस जांच कर रही है. भारत गृह मंत्रालय से सब चीजें स्पष्ट होगी. पाक विस्थापित के रूप में भारत रहने का प्रावधान है. पूरी इनक्वायरी होने के बाद भी स्पष्ट हो पाएगी.
16 अप्रैल को राजस्थान पहुंचा था परिवार
दरअसल, यह पाकिस्तानी परिवार नेपाल के रास्ते भारत में करीब डेढ माह पहले आ गए थे. जो पाकिस्तान के मीरपुर खास का रहने वाला है. इस परिवार के राजेश मेघवाल व उदो पुत्र कुम्भों अपने परिवार महिलाओं सहित बच्चों को लेकर पहले पाकिस्तान से दुबई पहुंचे. फिर नेपाल होते हुए भारत में प्रवेश किया. भारत में लखनऊ होते जोधपुर तक सड़क से पहुंचे. जोधपुर के सालुड़ी गांव में करीब 10 दिन तक रिश्तेदारों के पास रहे.
जोधपुर से 16 अप्रैल को यह परिवार धोरीमन्ना के रोहिला गांव पहुंच गए. अपने रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं.इनके रिश्तेदार अभी भी पाकिस्तान में रह रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है, इनकी तलाशी भी ली गई है. परिवार ने जोधपुर व बाड़मेर सीआईडी ऑफिस में पेश होकर भारत में बसने की इच्छा जाहिर की है. सीआईडी आफिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लेकर मार्गदर्शन मांगा है. अभी मंत्रालय से मार्गदर्शन नहीं मिला है.
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