Kota Weather: कोटा में बरसात नहीं होने से 'अकाल' की आशंका, औसत से 287 एमएम कम हुई बरसात
Rajasthan Weather: हाडोती संभाग में बरसात नहीं होने से अकाल के आसार बनते नजर आ रहे हैं. कम बारिश लोगों के लिए जहां मुसीबत बन गई है वहीं किसान के लिए तो बड़ी आफत बनकर सामने आ रही है.
Rajasthan: हाडोती संभाग में बरसात नहीं होने से अकाल के आसार बनते नजर आ रहे हैं. कम बारिश लोगों के लिए जहां मुसीबत बन गई है वहीं किसान के लिए तो बड़ी आफत बनकर सामने आ रही है. कोटा संभाग में सालाना औसत से भी इस बार बारिश कम देखने को मिली है. औसतन 716 एमएम बारिश रिकार्ड की जाती है जो इस बार केवल 429एमएम ही हुई है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भीषण गर्मी तो परेशान कर ही रही है किसानों के खेत भी सूखे पड़े हैं. खेतों में लगी मोटरों ने जवाब दे दिया है. ऐसे में यदि कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो फसल चौपट होने की नौबत आ जाएगी.
सबसे ज्यादा बरसात अगस्त में होती थी, लेकिन इस बार नहीं हुई
कोटा संभाग में सबसे ज्यादा अगस्त माह में ही बरसात होती है और बीते 21 दिनों में एक बार भी ठीक से बारिश नहीं होना परेशानी का सबब बन गया है. इस महीने में केवल 9.5 एमएम बारिश हुई है.
इस महीने में शहर की औसत बारिश 400 एमएम के करीब है. वैसे देखा जाए तो ढाई फीसदी बरसात भी इस महीने में नहीं हुई है. अगस्त में सबसे अधिक बारिश 2021 में 675 एमएम रिकॉर्ड की गई. अब तक पूरे महीने में सबसे कम बारिश 2017 में 202 एमएम रिकॉर्ड की गई है. हालांकि अभी अगस्त में कुछ दिन बाकी है लेकिन यदि इन 10 दिनों में बरसात नहीं होती है तो अकाल जैसी स्थिति बनने की नौबत आ जा सकती है.
कोटा में 287 एमएम कम हुई बारिश
कोटा में इस बार 287 एमएम कम बारिश हुई है. कोटा में मानसून इस बार मेहरबान नहीं रहा. ठीक से देखा जाए तो लगातार 2 घंटे भी बारिश कोटा शहर में नहीं हुई है. कोटा में मानसून का आगमन 25 जून से हो गया था. शुरूआत अच्छी थी लेकिन इसके बाद स्थिति खराब होती चली गई. इस सीजन में कुल 429.3 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है जो औसत बारिश से 287 एमएम कम है. कोटा में ओवरआॅल बारिश 716 एमएम होती है साथ ही पिछले एक दशक में सीजनल बारिश 2019 में 1489 रही थी. 2017 में सबसे कम में 453 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. कोटा बैराज के गेट भी ठीक से इस बार नहीं खुले है.
बरसात होने की जताई जा रही संभावना
मौसम विभाग की माने तो नया सिस्टम बन रहा है जिस कारण बारिश की संभावना है. अभी मानसून ट्रफ लाइन हिमालय के तटीय क्षेत्र की ओर स्थित है. उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है. एक कम दबाव का क्षेत्र बनाने की संभावना है. इसका प्रभाव कोटा, जयपुर, भरतपुर और अजमेर, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. यदि यह बारिश होती है तो कोटा का एवरेज पूरा हो सकता है अन्यथा आकाल जैसे हालात पैदा हो रह हैं.
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