Rajasthan News: उदयपुर पहुंचीं फेमिना मिस इंडिया नंदिता गुप्ता, पिछड़े वर्ग को लेकर कह दी बड़ी बात
Femina Miss India: नंदिता ने युवाओं से आह्वान किया कि जीवन के किसी भी लक्ष्य के मार्ग में चुनौतियां पग-पग पर खड़ी मिलेंगी लेकिन हमें घबराना नहीं चाहिए.

Udaipur News: महाराणा प्रताप कृषि एव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फेमिना मिस इंडिया 2023 नंदिता गुप्ता उदयपुर पहुंची. यहां स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछड़े वर्ग को लेकर छात्रों से एक बात कही. दरअसल यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के डेयरी कॉलेज में हुआ, यह कार्यक्रम भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित 5 उद्यमिता कौशल विकास का था. इसमें उदयपुर संभाग से चुनिंदा 30 प्रतिभागी को बुलाया गया था. इसका विषय था सीताफल उत्पादन एवं प्रसंस्करण.
नंदिता गुप्ता ने स्टूडेंट्स को क्या कहा
मिस इंडिया नंदिता ने युवाओं से कहा कि वे जिस किसी क्षेत्र में जाएं इस बात का जरूर ध्यान रखें कि समाज के पिछड़े वर्ग को उसका लाभ जरूर मिले. नंदिता का कहना था कि हमारा मन-मस्तिष्क खूबसूरत होगा तो हर काम खूबसूरती से होता चला जाएगा. युवा पीढ़ियां सबसे पहले खुद पर भरोसा करना होगा और उसी बल पर जिस क्षेत्र में आगे जाएं, सफलता जरूर मिलेगी. नंदिता ने खुद को फिट रखने के लिए मेडिटेशन, नृत्य, अध्ययन आदि पर भी जोर दिया. इस दौरान नंदिता ने युवाओं से आह्वान किया कि जीवन के किसी भी लक्ष्य के मार्ग में चुनौतियां पग-पग पर खड़ी मिलेंगी लेकिन हमें घबराना नहीं चाहिए. चाहे हम उसमें असफल ही क्यों न हो, बल्कि सच तो यह है कि असफलताओं से ही सीखने का अवसर मिलता है और एक दिन हम लक्ष्य को पाने में कामयाब हो जाते हैं.
रोजगार देने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन की जरूरत- कुलपति
इस कार्यक्रम के दौरान महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल स्तंभ है. पिछड़े व गरीब क्षेत्र के 90 प्रतिशत लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है. देश की जीडीपी इनका 6.1 प्रतिशत योगदान है तो सेवा क्षेत्र में 24.2 फीसदी, उत्पादन में 45 प्रतिशत. वहीं निर्यात में 40 प्रतिशत योगदान है. उन्होंने कहा कि जनजाति बहुल उदयपुर संभाग में सीताफल बहुतायत में होता है. महाराणा प्रताप के योद्धा इसी जनजाति क्षेत्र के थे और जंगली फल यानी सीताफल का उपयोग करते आए है. उन्होंने बताया सीताफल का गूदा आईसक्रीम व अन्य व्यंजन बनाने के काम आता है. कृषि वैज्ञानिक सीताफल के गूदे को लम्बे समय तक संरक्षित रखने संबंधित शोध में जुटे हैं.
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