Bikaner Crime News: बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका में कुर्सी के लिए गदर मच गया. पुलिस के सामने कार्यालय में कुर्सी पाने की जंग शुरू हो गई. दो अधिकारियों के बीच का विवाद मारपीट में बदल गया. भीड़ में जमकर थप्पड़ और लात घूंसे चले. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. मामला एक ही सीट पर दो अधिकारियों की तैनाती का है. दोनों में विवाद चल रहा है. नगर पालिका में एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर 9 दिन पहले एक अधिकारी का ट्रांसफर हुआ था. लेकिन पहले से पदस्थापित भवानीशंकर व्यास इस पद पर अदालत से स्टे ले आए. इसी कारण एक ही कुर्सी पर बैठने के लिए दो अधिकारियों में विवाद शुरू हो गया. विवाद ने बढ़ते बढ़ते उग्र रूप ले लिया और नौबत मारपीट तक पहुंच गई.


कुर्सी पाने की चाह में चले लात-घूंसे


सोमवार सुबह 12:00 बजे भवानी शंकर व्यास नगरपालिका कार्यालय पहुंचने के बाद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की सीट पर जमकर बैठ गए. कुछ समय बाद हाल ही में ट्रांसफर होकर आए ललित सिंह देता सीट पर बैठने के लिए पहुंचे थे. सीट पर पहले से व्यास को बैठे देख देता नाराज हो गए. देता को सीट पर देखने के इच्छुक लोगों ने व्यास को सीट से हटने के लिए कहा. भवानी शंकर व्यास ने अदालती आदेश दिखाकर बैठने की जानकारी दी. इतने में कुछ लोग आग बबूला हो गए. पहले उन्होंने नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया. बाद में अचानक मारपीट शुरू हो गई.






भवानी शंकर व्यास किए गए सस्पेंड


पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों ने भवानी शंकर व्यास पर हमला कर दिया. थप्पड़, लात और घूंसे से व्यास को मारा गया. बाद में पुलिसकर्मियों ने व्यास को घेर लिया. फिर कुछ लोग घूम कर आए और मारपीट करने लगे. आरोप लगाया जा रहा है कि भवानी शंकर व्यास ने चार्ज नहीं दिया तो स्थानान्तरण से आए नए एग्जीक्यूटिव ऑफिसर देता ने अधिशासी अधिकारी के रूम का ताला तोड़कर प्रवेश किया. श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में हुई मारपीट की घटना के बाद राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर भवानी शंकर व्यास को निलंबित कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि व्यास के खिलाफ श्रीडूंगरगढ़ में जांच बकाया है. ऐसे में निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय बांसवाड़ा का परतापुरगढ़ी रहेगा. 


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बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका में करोड़ों रुपए की संपत्ति के फर्जी पट्‌टों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. मामले में दो पक्ष आमने सामने हैं. एक पक्ष का आरोप है कि कुछ लोग बाहुबली हैं और ताकत के दम पर पट्‌टे लेना चाहते हैं. दूसरे पक्ष का आरोप है कि  एग्जीक्यूटिव ऑफिसर व्यास पट्टों का वितरण नहीं होने दे रहे. दोनों पक्षों के अपने अपने आरोप और शिकायत हैं. सरकार ने व्यास का ट्रांसफर कर दिया लेकिन बाद में कोर्ट से स्टे ले आए. भवानी शंकर व्यास ने आरोप लगाया कि जानबूझकर कुछ लोगों को इकट्ठा किया गया. लोगों ने मेरे साथ मारपीट की है. मेरे बार बार फोन करने के बावजूद समय पर पुलिस नहीं आई. उन्होंने फर्जी पट्‌टे बनाकर नगर पालिका की करोड़ों रुपए की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया है.