Corruption in Rajasthan: योजना भवन की एक आलमारी में मिले 2.31 करोड़ रुपये की तस्वीर काफी वायरल हुई थी. इस पूरे मामले की जांच में कई पहलू सामने आए हैं. इस मामले की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि घोटाले की जड़ में डीओआईटी की कंपनी राजकॉम्प इंफो सर्विस लिमिटेड (आरआईएसएल) से जुड़ा है. इसमें कई अधिकारी सालों से जमे हुए हैं. हालात यह है कि दूसरे विभागों के कामों के बजट भी डीओआईटी और राजकॉम्प को सौंप दिए गए. अब एंटी करप्शन ब्यूरो में गृह विभाग को पत्र भेजकर इन गड़बड़ियों की जांच कराने को कहा है.
योजनाओं का बजट बढ़ाने से किसे हुआ फायदा
अखबार 'दैनिक भास्कर' की जांच पड़ताल में सामने आया है कि ज्यादातर प्रोजेक्ट में लागत कम आंकी गई, फिर खुद आरआईएसएल की लेखा शाखा और सीएजी की आपत्ति के बाद भी कई गुना बढ़ा दी गई. वहीं आईएफएमएस 3.0 प्रोजेक्ट में भी घोटाले की बू है. इसकी अनुमानित लागत 289 करोड़ आंकी गई थी, इसे अप्रैल 2023 में शुरू होना था. प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ, लेकिन 26 अक्टूबर 2021 से अब तक छह बार में 399 करोड़ की रिक्वेस्ट फार प्रपोजल जारी हुई है. इस मामले में गिरफ्तार संयुक्त निदेशक एसीबी के सामने कबूल कर चुके हैं कि आलमारी में मिले 2.31 करोड़ रुपये घूस में मिले थे.
अखबार की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना में काम खाद्य विभाग का है. इसका बजट 750 करोड़ का है. लेकिन वित्त विभाग ने राजकॉम्प को 125 करोड़ की वित्तीय मंजूरी जारी कर दी. इसी तरह लंपी नाम की बीमारी में गोवंश की मौत पर मुआवजा बांटने की योजना पशुपालन विभाग की है. वित्त विभाग ने इसे छीनकर 222 करोड़ की वित्तिय स्वीकृति राजकॉम्प के नाम जारी कर दी.
एसीबी ने जांच के लिए गृह विभाग को भेजा पत्र
इसी तरह से एलईडी आउटडोर वीडियो वॉल प्रोदेक्ट 12 करोड़ रुपेय का था, इसे बढ़ाकर 85 करोड़ कर दिया गया. राजनेट प्रोजेक्ट में सप्लाई इंस्टालेशन एंड मेंटिनेंस ऑफ आरएफ लिंक एंड आउटडोर वाईफाई एक्सेस प्वाइंट का प्रोजेक्ट की लागत 140 करोड़ से बढ़ाकर 240 करोड़ कर दी गई. इनके अलावा 640 करोड़ के ई मित्र प्लस मशीन प्रोजेक्ट. 150 करोड़ के मैन पावर हायरिंग प्रोजेक्ट, ई मित्र प्लस मशीन प्रोजेक्ट, 150 करोड़ के मैन पावर हायरिंग प्रोजेक्ट, ई मित्र एटीएम, भामाशाह डिजिटल पेमेंट किट में भी राजकॉम्प पर गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं. इन गड़बड़ियों की जांच के लिए एसीबी ने गृह विभाग को पत्र भेजा है.
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