Action on Corruption in Rajasthan: उदयपुर में जमीन कनवर्जन के बदले में 12 लाख रुपये की घूस लेने के मामले में एसीबी ने शहरी विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल और अनुभाग अधिकारी हरिमोहन और दलाल लोकेश जैन पर केस दर्ज किया है. इस मामले का दलाल अभी एसीबी की हिरासत में है. एसीबी ने उसके कब्जे से कई सामान बरामद किया है.
क्या है पूरा मामला
एसीबी ने उदयपुर में परिवादी डॉक्टर देवीलाल की शिकायत पर आठ मई को घूस लेते हुए दलाल लोकेश जैन को पकड़ा था. इस मामले में विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल, हरिमोहन पर आरोप लगे थे. लोकेश के मोबाइल से उसके और परिवादी डॉक्टर देवीलाल के बीच सौदेबाजी के लिए वाट्सऐप की चैटिंग मिली थी. इसके साथ ही एनओसी की डील का एक ऑडियो सामने आया था. इसमें दलाल कई बार कुंजीलाल मीणा, मनीष गोयल, हरिमोहन और एक बार मंत्री का जिक्र करता रहा. हालांकि प्रमुख सचिव का कहना था कि इस मामले में कोई लेन-देन नहीं हुआ है.
एसीबी को सूचना मिली थी कि पैसे लेने के बाद ही विभाग से कन्वर्जन को मंजूरी दी गई. अदालत ने लोकेश जैन को 11 मई तक की रिमांड पर भेजा है.
परिवादी एनओसी के लिए कबसे भटक रहा है
अखबार 'दैनिक भास्कर'के मुताबिक परिवादी ने 0.9157 हेक्टेयर पैतृक जमीन का लैंड यूज बदलने के लिए एनओसी का आवेदन 2019 में दिया था. दो साल में भी एनओसी न मिलने पर उन्होंने दलाल लोकेश जैन से संपर्क किया.इसके बाद सौदा 25 लाख रुपये में तय हुआ. इतनी रिश्वत की बात सुनकर परिवादी ने इस साल 21 अप्रैल को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई.एसीबी ने लोकेश के घर से लैपटॉप, मोबाइल और कुछ फाइलें जब्त की हैं. एसीबी को जमीन से जुड़ी 150 फाइलें मिली हैं. आरोपी ने पांच लाख रुपये बीघा के हिसाब से रिश्वत मांगी थी.
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