Kota News:  राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में संयुक्त संघर्ष समिति की देख-रेख में वन विभाग के कार्मचारी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसी आंदोलन के तहत शुक्रवार (10 जनवरी) को कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क (Abheda Biological Park) और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) समेत सभी पर्यटन स्थल अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए. वनकर्मियों ने अभेड़ा के गेट पर ताला लगा दिया और वहीं धरने पर बैठ गए. यही नहीं वनकर्मी रामराज मीना ने सिर मुंडवाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. 


इस दौरान वन कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वन्यजीवों और वन संपदा की देखभाल भी पिछले 4 दिनों से भगवान भरोसे चल रही है. कोटा संभाग के टाइगर रिजर्व और अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से लेकर सभी वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की और वन संपदा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सकते में हैं.


500 वन कर्मचारी हड़ताल पर


अपनी मांगों को लेकर संभाग के वन क्षेत्र में लगे 500 से अधिक कार्मचारी हड़ताल पर हैं. इतना ही नहीं ये कर्मचारी अलग-अलग रेंज और डिवीजन ऑफिसों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इन वन कर्मियों में वन रक्षक, सहायक वनपाल,  क्षेत्रीय वन के वनपाल, अधिकारी वर्ग के चार कर्मचारी और वाहन चालक शामिल हैं. इस समय संभाग में आने वाले कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, शेरगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचूरी, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, सोसरन वन क्षेत्र और अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क समेत वन संपदा की सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है.
 
ये हैं मांगे



  • वन कर्मचारियों  को पुलिस और पटवारियों के समकक्ष वेतन दिया जाए.

  • कार्यभारित कर्मचारियों को वनरक्षक के पद पर समायोजित किया जाए. 

  • मैस भत्ता राशि 2200 रुपये की जाए.

  • वार्षिक वर्दी भत्ता 7000 हजार किया जाए.

  • वाहन चालकों की  पदोन्नति की जाए.

  • साइकिल भत्ते के स्थान पर हर महीने पेट्रोल भत्ता 2000 रुपये दिया जाए.

  • वन कर्मचारियों को अपराधों की रोकथाम के लिए हथियार और अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं.

  • साथ ही हार्ड ड्यूटी अलाउंस सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.  


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