Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में आयोजित जी 20 टिकाऊ वित्त कार्य समूह की बैठक के दूसरे दिन बुधवार को टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDG) के लिए फाइनेंसिंग को सक्षम बनाने चर्चा हुई. इस कार्यशाला में जी-20 (G 20) के सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया. कार्यशाला में कई प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से भी शामिल हुए.
इस कार्यशाला में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (SDG) के वित्तपोषण के लिए मौजूदा परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ एसडीजी के लिए अधिक से अधिक वित्त जुटाने की नई कार्यप्रणालियों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करने हेतु तीन सत्र आयोजित किए गए.
इन विषयों पर हुई चर्चा
कार्यशाला के प्रथम सत्र का विषय चुनिंदा एसडीजी के फाइनेंस को सक्षम बनाने के लिए विश्लेषणात्मक रूपरेखा विकसित करना था. इसका संचालन वित्त और संधारणीय संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. मा जून ने किया. दूसरे सत्र का शीर्षक वित्तीय उपकरणों का सामाजिक प्रभाव था, जिसका संचालन यूरोपीय निवेश बैंक के मुख्य और टिकाऊ वित्त सलाहकार ईलाक्रेवी ने किया. तीसरे सत्र का शीर्षक प्रकृति आधारित वित्तीय सूचना पर जानकारी प्राप्त करना और आंकडें तैयार करना था. इस सत्र का संचालन जैव विविधता वित्त पहल की वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार एनाबेले त्रिनिदाद ने किया.
कार्यक्रम में इन्होंने लिया हिस्सा
इस कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों, कंपनियों के संस्थापक और सीईओ, शिक्षाविदों के साथ-साथ नीति निर्माताओं और बैंक से जुड़े पेशेवरों को सूचीबद्ध किया गया. कार्यशाला में सामाजिक एसडीजी हेतु वित्तपोषण का सारणीयन करने के लिए एक उपकरण के रूप में सामाजिक प्रभाव निवेश के उपयोग और भविष्य में प्रकृति आधारित वित्तीय सूचना में सुधार के उपायों पर सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों सहित हितधारकों की विस्तृत श्रृंखला में संबंधित विचारों और अनुभवों को प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर उम्मीद जताई गई कि इसके परिणामस्वरूप जी 20 सदस्यों के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा और एसडीजी को प्राप्त करने के लिए कार्रवाई हेतु नीति और अन्य संस्तुतियां बनाने में मदद मिलेगी.
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