Rajasthan Politics: गजेंद्र सिंह शेखावत का अशोक गहलोत पर हमला, कहा- अब तो सरकारी दफ्तरों में भी मिल रहा है कालाधन
Rajasthan News: गजेंद्र सिंह शेखावत ने पेपर लीक प्रकरण में कहा कि बीजेपी द्वारा किए गए आंदोलनों से दबाव में आकर सरकार ने एक कदम बढ़ाया. उसका नतीजा निकला कि आरपीएससी तक एसीबी पहुंच गई.
Jodhpur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) से पहले राजनीतिक पार्टियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं. राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) में पनप रहे भ्रष्टाचार के मामले की जांच सही दिशा में करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी कि किसी नेता ने भ्रष्टाचार किया है, तो उसके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. इस तरह उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot)की मांगों का समर्थन कर दिया हैं.शेखावत ने कहा कि अगर गजेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार किया है, तो उसके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए.
इशारों में गहलोत-वसुंधरा पर निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि कम से कम जनता में यह संदेश कभी नहीं जाना चाहिए कि दो या तीन चार लोग मिलकर इस तरह से एक दूसरे के गुनाहों को ढकने का प्रयास कर रहे हैं.शेखावत के इस बयान से कांग्रेस के साथ ही बीजेपी की अंदरूनी सियासत भी गरमा गई है.
गौरतलब है कि पायलट ने राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है.शेखावत सोमवार को एमएनआईटी में कहा कि गहलोत सरकार में पनप रहे भ्रष्टाचार के मामलों की सही जांच हो तो कई सफेद कुर्ते वाले भी चपेट में आ जाएंगे.उन्होंने आरोप लगाए कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे बेंचमार्क तोड़ दिए.
सरकारी दफ्तरों में कालाधन
शेखावत ने कहा कि योजना भवन में डीओआईटी के जिस अधिकारी के पास कैश मिलने की संपूर्ण और गहराई से जांच होनी चाहिए. आरोपी अधिकारी किसके निर्देश पर स्टोर कीपर का काम कर रहा था. बहुत सारे प्रश्न जनता के मन में आ रहे हें. कौन-कौन लोग कितने वर्षों से इनवॉल्व थे? कहां- कहां ऐसा काला धन छिपाया गया? इस सबका पर्दाफाश होना चाहिए. पहले तो अधिकारियों और नेताओं के घरों से ही नकदी बरामद होती थी. अब तो सरकारी कार्यालयों से भी कालाधन मिलने लगा है. इसकी जांच होनी चाहिए.
शेखावत ने पेपर लीक प्रकरण में कहा कि बीजेपी द्वारा किए गए आंदोलनों से दबाव में आकर सरकार ने एक कदम बढ़ाया. उसका नतीजा निकला कि आरपीएससी तक एसीबी पहुंच गई. इससे आगे भी सरकार जांच करती तो सफेद कुर्ते पहन कर लोग घूम रहे हैं, उनके कारनामे भी सामने आ जाते.
संजीवनी घोटाले की जांच?
मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा बार-बार संजीवनी प्रकरण में उनका नाम लेने के प्रकरण में उन्होंने कहा कि संजीवनी के इनवेस्टर्स ने मेरे से पूछकर इनवेस्ट नहीं किया. गहलोत इसमें राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि घोटाला करने वाल संजीवनी एकमात्र ऐसी सोसायटी नहीं है. आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी इससे बड़ी है. उसमें 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस प्रकार के मामलों की जांच के लिए भारत सरकार का कानून है, उसके तहत इनके फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई के माध्यम से होनी चाहिए. मध्य प्रदेश इसकी जांच सीबीआई को दे चुका है, लेकिन राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में भी विरोध कर चुकी. इस कानून के तहत जांच नहीं करने के कारण यदि आरोपी छूट जाए तो आरोपी को छुड़ाने और निवेशकों के पैसे डुबाने के षड्यंत्र के भागीदार अशोक गहलोत उनकी सरकार होगी.
सांगानेर से हिंदुओं के पलायन के मामले में शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार अपने वोटबैंक को बचाने के लिए तुष्टीकरण कर रही है. तुष्टीकरण को खाद पानी दे रही है. अनेक शहरों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ईआरसीपी के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार पानी लाने के बजाय राजनीति कर रही है. 13 जिलों में राजस्थान सरकार साढ़े तीन साल तक राजनीति करती रही. एक कदम आगे नहीं बढ़ाया.
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