Rajasthan News: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat ) शनिवार दोपहर करीब 2 बजे राउज इवेन्यू कोर्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे. शेखावत आज कोर्ट रूम नंबर-503 में जाकर केस फाइल करेंगे.


दरअसल, फरवरी में अपने जोधपुर दौरे के दौरान सीएम गहलोत ने सर्किट हाउस में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Sanjivani Credit Cooperative Society) से जुड़े पीड़ितों से मुलाकात की थी, जो करोड़ों रुपये का निवेश करने के बाद दर-दर भटक रहे थे. इस दौरान पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि इस स्कैम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित पक्ष की बातों को ध्यान में रखकर न्याय उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया था. 


ये बयान बना CM गहलोत के लिए मुसीबत


इसके बाद सीएम मीडिया से कहा था कि, 'मुझे तो लगता है कि ऐसे व्यक्ति को मोदी जी ने मंत्री कैसे बना दिया. मैंने पिछले दिनों सदन में कहा था कि गजेंद्र सिंह शेखावत खुद एक अभियुक्त हैं. इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने गिरफ्तारी के डर से अपनी सिक्योरिटी बढ़ा ली. लाखों रुपये का मामला होता तो मैं तुमसे भीख मांग लेता. उद्योगपतियों से या कोई योजना निकाल देता. लेकिन यहां पर तो अरबों रुपये का मामला है. इतने बड़े मंत्री के रहते हुए उनको खुद को आगे आना चाहिए और कदम उठाना चाहिए. निवेशकों की भरपाई करलाना चाहिए. लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. देशभर में ऐसे माफिया पनप रहे हैं इससे पहले आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला हुआ था, उसका मालिक भी बीजेपी से जुड़ा हुआ था. इन लोगों के साथ जो हुआ वह बहुत दुखी करने वाला है. राज्य सरकार पूरा प्रयास करेगी कि इनकी जमा पूंजी वापस दिलाई जाए. उन्होंने कहा कि इस लूट में शामिल हर व्यक्ति को कठोरतम सजा दिलाई जाएगी.'


शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिया जवाब


हालांकि शेखावत ने अगले ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सीएम के आरोपों का खंडन कर दिया था. उन्होंने कहा कि, 'केवल मेरा चरित्र हनन करके राजनीतिक रूप से मुझे कमजोर करने का षड्यंत्र है और जांच एजेंसी को टूल के रूप में इस्तेमाल करने का काम राजस्थान के मुख्यमंत्री कर रहे हैं. यह केवल एकमात्र प्रयास नहीं है, वो पहले से ऐसे प्रयास करते आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो जिस स्‍तर तक गए हैं, मैं उस स्‍तर पर नहीं जाना चाहता हूं. मैं धैर्य की एक सीमा बनाए रखना चाहता हूं. संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में कार्य करती है. सोयायटी का जब पंजीकरण हुआ था, उस समय राजस्थान और दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. सोसायटी को मल्टीस्टेट कैटेगरी का दर्जा भी वर्ष 2013 में मिला, उस समय भी दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. वर्ष 2018 में क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी के संचालक और उससे हुए घाटाले के मुख्य अभियुक्त कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पचपदरा विधानसभा से चुनाव लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे थे. बकायदा, लाखों रुपए खर्च कर अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन दिए गए.'


अगस्त 2019 में दर्ज हुई थी पहली बार FIR


शेखावत ने आगे बताया था कि, 'संजीवनी क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी पर 23 अगस्त 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी. राजस्थान सरकार के अधीन कार्य कर रही पुलिस ने मामले की जांच की. इस मामले में पहली चार्जशीट दिसंबर 2019, दूसरी फरवरी 2020 और तीसरी चार्जशीट 7 फरवरी 2023 को दाखिल की गई. चार्जशीट हजारों पन्ने की है. शेखावत ने कहा कि इन हजारों पन्नों की चार्जशीट में ना तो मुझे, ना ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर कहीं पुलिस को कोई संकेत तो नहीं दे रहे हैं? शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की हार का खीझ तो नहीं उतार रहे हैं?


बताते चलें कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शहरों समेत भारत के कई अन्य राज्यों में अपनी शाखाएं खोलीं.उनसे करीब दो लाख निवेशकों से 953 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश राशि हासिल कर उनके साथ ठगी की. इस मामले में अब तक मुख्य रूप से नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, भूतपूर्व अध्यक्ष देवी सिंह, शैतान सिंह और मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्र को गिरफ्तार किया जा चुका है.


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