Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर विधायकों के खरीद-फरोख्त का मामला चर्चा में आया गया है. राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर वेकेशन बैंच में राज्य सरकार ने वॉइस सैंपल लेने की अपील पेश कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल लेने की इजाजत मांगी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जयपुर हाईकोर्ट के वेकेशन न्यायधीश चंद्रकुमार सोनगरा के न्यायालय में सुनवाई के बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है. 


गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में मांगा जवाब


राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में एसीबी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉइस सैंपल के लिए मांग की थी. राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर वेकेशन बेंच के जस्टिस चंद्र कुमार सोनगरा के न्यायालय में इस अपील पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने उसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. 


अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने गुरुवार को न्यायालय में पैरवी करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट व रिवीजन कोर्ट ने केवल इस आधार पर हमारी प्रार्थना को खारिज कर दिया था. सीआरपीसी में इस तरह का आदेश देने का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता राठौड़ ने पैरवी करते हुए न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के 2019 का आदेश कहता है कि जब तक संसद इसको लेकर कोई कानून नहीं बना देती है.


तब तक मजिस्ट्रेट इस तरह का आदेश नहीं दे सकता है. साथ ही न्यायालय में उन्होंने बताया कि इस मामले में निचली अदालत एक अन्य अभियुक्त संजय जैन के वॉयस सैंपल लेने के आदेश दे चुकी हैं. परंतु गजेंद्र सिंह शेखावत के मामले में हमारी अर्जी खारिज कर दी गई थी. 


कोर्ट की नोटिस पर आगे क्या होगा?


विधिक जानकार अधिवक्ता नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि इस नोटिस का मतलब यह नहीं है कि गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल लिए जाएंगे.  इस नोटिस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कोर्ट में अपना जवाब देना होगा. जवाब पेश होने के बाद जब दोबारा सुनवाई होगी. उसके बाद तय होगा कि एसीबी को वॉइस सैंपल लेने के लिए इजाजत मिलेगी या नहीं सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का भी हवाला दिया है.


2020 में मौजूदा गहलोत सरकार पर आई सियासी संकट से जुड़ा है मामला


यह मामला साल 2020 में मौजूदा गहलोत सरकार पर आई सियासी संकट से जुड़ा हुआ है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके गुट के विधायको ने सरकार से बगावत करते हुए मानेसर के होटल में पहुंच गए थे. राजस्थान की गहलोत सरकार उस दौरान अल्प मत में आ गई थी. उसी दौरान सोशल मीडिया पर 3 ऑडियो क्लिप सामने आए थे.  


जिसके बाद उस समय सरकार में तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार को गिराने की साजिश की जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप को लेकर दावा किया गया था कि इसमें संजय जैन, गजेंद्र सिंह शेखावत व विधायक भंवरलाल शर्मा (जो कि अब दिवंगत हो चुके हैं) उनकी आवाज होने की बात कही गई थी. 


मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत के आधार पर एसओजी के डीजीपी अशोक राठौड़ ने मामला दर्ज कर जांच करते हुए. जयपुर से संजय जैन को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने संजय जैन, दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी बनाते हुए. मामले की जांच शुरू की थी.संजय जैन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.


एसीबी ने गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉइस सैंपल लेने के लिए पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी.  जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था.उसके बाद एसीबी ने एडीजे कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए.  रिवीजन याचिका पेश की थी.  ट्रायल कोर्ट ने 17 फरवरी को रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया था. 


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