Gandhi Jayanti: राजस्थान ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा में बनाया विश्व रिकॉर्ड, सीएम गहलोत ने गांधीवादी विचारकों को किया सम्मानित
Mahatma Gandhi Jayanti 2022: महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर आज प्रदेशभर से आए लोगों ने एक साथ मिलकर सर्वधर्म प्रार्थना करने का रिकॉर्ड बनाया.
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Mahatma Gandhi Jayanti: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ सत्य और अहिंसा के दर्शन पर आधारित एक अद्वितीय रचना है. आज की युवा पीढ़ी को जरूर पढ़ना चाहिए. सत्य के प्रयोग आत्मकथा को पढ़ने से युवा पीढ़ी में गांधीवादी सोच विकसित हो सकेगी. उन्होंने कहा कि गांधी की अहिंसावादी विचारधारा के कारण आज भारत का पूरे विश्व में सम्मान है. अशोक गहलोत ने कहा कि गांधी ने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका से की. दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने सरकार की रंगभेद नीति को समाप्त करने के लिए सत्याग्रह किया. मुख्यमंत्री आज जयपुर (Jaipur) के सवाई मानसिंह स्टेडियम (Sawai Mansingh Stadium) में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा और गांधी सद्भावना सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
शांति एवं अहिंसा विभाग की राज्य में स्थापना
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांधीजी के विचारों को प्रसारित करने के लिए पहली बार अधिकारिक तौर पर एक अलग विभाग का निर्माण किया है. राजस्थान अलग विभाग का निर्माण करने वाला एकमात्र राज्य है. महात्मा गांधी के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलते हुए हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है. विभाग गांधीजी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है, ताकि आमजन सभी प्रकार की हिंसा के उन्मूलन को प्रेरित हों.
गांधीवादी विचारकों को किया गया सम्मानित
सीएम गहलोत ने गांधीजी की विचारधारा पर चलते हुए समाज की उत्कृष्ट सेवा करने वाले 5 गांधीवादी विचारकों को गांधी सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया. प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एस.एन. सुब्बाराव (मरणोपरान्त), नेमीचंद जैन (मरणोपरान्त), अमरनाथ भाई, गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के फाउंडर और चीफ पेट्रन डी.आर. मेहता को मुख्यमंत्री ने 5 लाख रुपए की सम्मान राशि, मोमेन्टो, प्रशस्ति पत्र देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. सीएम ने एलान किया कि समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले गांधीवादी विचारकों को प्रतिवर्ष गांधी सद्भावना सम्मान से नवाजा जाएगा.
इंटीग्रेटेड पोर्टल का सीएम ने किया लोकार्पण
उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के इंटीग्रेटेड पोर्टल www.schemes.rajasthan.gov.in का लोकार्पण भी किया. पोर्टल से आमजन 61 विभागों की 482 योजनाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ में 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा. इसका सभी देशों ने अनुमोदन किया. आज इस दिन को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मना रही है, यह देश के लिए गौरव का विषय है. पूरे विश्व में देश को गांधीवादी विचारधारा से एक अलग पहचान मिली है.
आज विविधताओं से भरे हमारे देश में युवाओं की चेतना में गांधी जी के विचारों का व्यापक समावेश आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में देश की पूर्वी सीमा पर आए शरणार्थी संकट के दौरान शरणार्थी शिविरों में सेवा करने की प्रेरणा उनको बापू से मिली. उनकी जीवनी से परपीड़ा को अपना समझने और निवारण के लिए संकल्पित होकर कार्य करने की सीख प्राप्त हुई. बाल्यकाल से ही उनका गांधी पीस फाउंडेशन से जुड़ाव रहा. शिविरों में गांधीजी के अहिंसा, करूणा, दया और आपसी सद्भाव के सिद्धांतों को आत्मसात करने का अवसर मिला.
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shashtri Jayanti) पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने कहा कि देश के विकास में शास्त्री के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने मौजूद बच्चों के बीच जाकर मुलाकात की. शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि विभिन्न देशों के बीच युद्ध और तनाव की स्थिति में केवल महात्मा गांधी का अहिंसावादी दर्शन ही शांति की पुर्नस्थापना कर सकता है. कला संस्कृति विभाग की शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि गांधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर चलकर ही एक आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है.
सर्वधर्म प्रार्थना करने का बनाया विश्व रिकॉर्ड
महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर आज प्रदेशभर से आए लोगों ने एक साथ मिलकर सर्वधर्म प्रार्थना करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, लंदन के प्रतिनिधि प्रथम भल्ला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विश्व रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया. अलग अलग स्कूलों से आए बच्चों ने हाथों में तिरंगा लहराते हुए वैष्णव जन तो तेने कहिये, दे दी हमें आजादी व धर्म वो एक ही सच्चा के गायन को सुना.
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