Ganesh Chaturthi 2022 Highlight: प्रथम पूजनीय गणेश महाराज को सबसे प्रिय लड्डू व मोदक हैं. ऐसे में लड्डू व मोदक के भी अपने रंग निराले हैं. कहीं नुकती तो कहीं, बेसन, कहीं चूरमा, तो कहीं काजू बादाम के लड्डू देखने को मिल रहे हैं. गणेश उत्सव शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में कोटा (Kota) में पांडाल सज चुके हैं और गणपति विराज चुके हैं. अनंत चतुर्थी तक कोटा में गणेश उत्सव की धूम रहने वाली है और 10 दिनों में करीब 10 लाख किलो लड्डू, मोदक का भोग भगवान गणेश को लगाया जाएगा. कोटा में हर रोज करीब एक लाख किलो प्रसाद का भोग लगेगा. इसके लिए बाजार भी पूरी तरह तैयार है. हर तरफ मन को भाने वाली सुगंध उड़ रही है.
कलश लड्डू 800 रुपये किलो
कोटा में लड्डू के वैसे तो कई वैरायटी है, पर सबसे खास कलश लड्डू आकर्षण का केन्द्र हैं. इनकी कीमत आठ सौ रुपए किलो से शुरू है. मिठाइयों के सबसे पुराने बाजार नंदग्राम में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां गणपति को भोग लगाने के लिए तैयार की गई है. खास तौर पर लड्डू और मोदक में कई वैरायटी भक्तों के लिए मौजूद है. यहां के व्यापारियों के अनुसार गणेश चतुर्थी को ही करीब एक लाख किलो प्रसाद का भोग भगवान गणेश को लगा गया. पाटन पोल क्षेत्र में स्थित इस मार्केट में विभिन्न प्रकार के लड्डू, मोदक सज कर तैयार हैं. मिष्ठान व्यापारियों ने बताया कि भगवान गणेश को अर्पित करने के लिए शाहगार वाले मोदक बनाए गए हैं. जो भक्त व्रत कर रहे हैं वह भी प्रसाद के रूप में मोदक ग्रहण कर सकते हैं.
कुल्हड़ लड्डू से प्रसन्न करें गणपति बप्पा को
कुल्हड़ लड्डू और लड्डू कलश कोटा में कहीं और नहीं केवल नंदराम बाजार में हैं. भगवान गणेश को अर्पित करने के लिए कुल्हड़ लड्डू और कलश लड्डू भी तैयार किए गए हैं. लड्डू कलश नुक्ती से बनाए गए हैं. नुक्तियों को कलश का आकार देकर मिठाई तैयार की गई है. इसी तरह कुल्हड़ में लड्डू तैयार कर बिक्री की जा रही है. आमतौर पर मिलने वाले बेसन के लड्डू के अलावा मूंग के लड्डू चूरमा के लड्डू, ड्राई फ्रूट के लड्डू भी भगवान गणपति को भोग के लिए तैयार किए गए हैं
एक हजार से अधिक जगह विराजमान हुए गणपति
कोरोना के बाद गणपति की पूजा अर्चना और स्थापना में वृद्धि हुई है. कोटा में करीब एक हजार पंडाल सजाए गए हैं. इनमें प्रमुख रूप से तलवंडी चौराहा, छावनी, रामपुरा, गुमानपुरा, श्रीनाथपुरम स्टेडियम के पास, तीन बत्ती, बसंत बिहार समेत बड़े छोटे पांडाल शामिल है. इसके अलावा लोगों ने घरों में भी गणपति विराजमान किए हैं. गणेश मंदिरों में भी रोज सुबह शाम गणपति बप्पा को प्रसाद का भोग लग रहा है.