Ganesh Chaturthi: जयपुर के 7 प्रमुख गणेश मंदिर, जहां हर दिन उमड़ता है भक्तों का जनसैलाब, जानें मान्यताएं
Ganesh Chaturthi 2024: राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी, गढ़ गणेश जी, नहर के गणेश जी, लाल डूंगरी वाले गणेश जी सहित सात प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं. जानिए इन मंदिरों की मान्यता क्या है?
Ganesh Chaturthi 2024 News: राजस्थान की राजधानी जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है. यहां पर प्रमुख मंदिरों की एक लंबी फेरहिस्त है. खासकर, गणेश जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनपर हर दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इन मंदिरों की मान्यताएं खूब हैं. जयपुर में मोती डूंगरी, गढ़ गणेश जी, नहर के गणेश जी, लाल डूंगरी वाले गणेश जी, काले गणेश जी, ध्वजाधीश गणेश जी, परकोटा गणेश जी यह सात मंदिर गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिर हैं. आइये जानते हैं इन मंदिरों की मान्यता क्या है?
मोती डूंगरी वाले गणेश जी के मंदिर पर गणेश चतुर्थी को देर रात तक लोग दर्शन के लिए जुटे रहे. यहां पर हर बुधवार को सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ रहती है. मोती डूंगरी वाले गणेश जी जयपुर शहर की स्थापना के 34 साल बाद प्रतिस्थापित हुए थे. गणेश जी की यह प्रतिमा मेवाड़ से राजा माधो सिंह प्रथम लाये थे, जो बैलों की सग्गड़ से कई महीनों के सफर के बाद जयपुर प्रतिमा लेकर पहुंचे थे.
क्या है ध्वजाधीश गणेश जी की मान्यता?
मोती डूंगरी पर गणेश की प्रतिमा रात्रि विश्राम के लिए रखी गई थी, लेकिन बाद में वहीं पर प्रतिमा की स्थापना की गई. लाल डूंगरी वाले गणेश जी बहुत पुराने हैं. यह मूर्ति दक्षिणमुखी और दाहिनी सूंड की है. यह मूर्ति त्रिनेत्रधारी है. ध्वजाधीश गणेश जी के बारे में कहा जाता है कि यह बड़ी चौपड़ उत्तर पश्चिम कोने में विराजमान है. इस मंदिर की ध्वजा बहुत पहले लंबी हुआ करती थी जो मानक चौक के स्कूल तक जाती थी. इसी वजह से इस मंदिर का नाम ध्वजाधीश रखा गया.
गढ़ गणेश जी के मंदिर की जयपुर में बहुत मान्यता है. जयपुर शहर के स्थापना के समय महाराजा सवाई जय सिंह ने अश्वमेघ यज्ञ किया था. यहां पर गणेश जी का विग्रह बालस्वरूप है. इस मंदिर के बारे में दावा किया जाता है कि यह अकेला ऐसा मंदिर हैं जहां गणेश जी बिना सूंड के हैं. नहर के गणेश जी का मंदिर ब्रह्मपुरी माउंट रोड पर स्थित हैं.
यहां पर गणपति का विग्रह तंत्र विधान के अनुसार गणेश जी का दाहिना सूंड वाले दक्षिणमुखी विराजमान हैं. यह मंदिर 200 साल पुराना है. काले गणेश जी मंदिर पार्क के मीरा मार्ग पर हैं. इस मंदिर का निर्माण 1978 में कराया गया था. इस मंदिर में गणेश जी की सवा फीट की काले पत्थर की मूर्ति है. जो दक्षिण भारत से मंगवाई गई थी. परकोटा वाले गणेश जी चांदपोल के संजय सर्किल पर इनका मंदिर बना हुआ है. यहां पर गणेश जी बालस्वरुप में हैं. इनको बुजुर्ग वाले गणेश जी के नाम से भी जाना जाता है.
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