Gangaur Puja 2023: भारत को पारंपरिक और सांस्कृतिक उत्सव का देश माना जाता है. सभी पर्व के पीछे रीति-रिवाज, इतिहास और विश्वास होता है. विदेशों में रह रहे भारतीय भी भारत के त्योहारों को धूमधाम से मनाते हैं. गणगौर पूजा राजस्थान का मुख्य पर्व है, लेकिन इसे उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश ,हरियाणा और गुजरात में भी मनाया जाता है. गणगौर को गौरी तृतीया भी कहते हैं. गणगौर पर्व पर खास कर गुना की स्पेशल मिठाई बनाई जाती है. गुना मिठाई का गणगौर पर विशेष महत्व है.


गणगौर पर्व पर गुना की स्पेशल मिठाई का है विशेष महत्व


पर्व को देखते हुए शहर में जगह-जगह मिठाई की दुकान सज जाती है. गुना की मिठाई मैदा, आटा और बेसन से बनाई जाती है. गणगौर पर्व पर पूजा में पार्वती को चूरमा और गुना का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि पार्वती को गुना का भोग लगाने से धन और वैभव बढ़ता है. पूजा के बाद सोलह श्रृंगार और वस्त्र सहित पूजा का सामान सास, ननद जेठानी को दिया जाता है. राजस्थान में शादी के बाद बेटी पहली होली और गणगौर पर्व मायके में मनाती है.  


सुहाग का सामान, गुना की मिठाई सास, ननद को देने की परंपरा


गणगौर पूजा के बाद बेटी ससुराल जाती है. ससुराल में भी उसे गणगौर की पूजा करने पड़ती है. गणगौर की पूजा के लिए मैदा से बनी गुना की मिठाई का भोग लगाया जाता है. उसके बाद कपड़े, सुहाग का सामान और गुना की मिठाई सास, ननद को देती है. कई जगह महिलाएं गणगौर पर गणगौरी माता की पूजा भी करती हैं.


सुहागिन 16 महिलाओं को भोजन कराकर श्रृंगार का सामान और दान गणगौर पूजन के लिए कुंवारी कन्याएं और सुहागिन महिलाएं सुबह में सुंदर वस्त्र, आभूषण पहन कर सिर पर बाग-बगीचों में जातीं हैं. बाग-बगीचों से लोटा में ताजा जल भरकर गणगौर के गीत गाती हुईं घर वापस आती हैं. 


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