Ajmer: नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार खादिम सैय्यद गौहर चिश्ती को सात दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शुक्रवार को जज हाउस पर पेश किया. यहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हाई सिक्योरिटी जेल भेज दिया है. पूछताछ के दौरान गौहर ने बताया कि उसने आवेश में आकर नारे लगाए थे. अजमेर पुलिस के मुताबिक, गौहर का उदयपुर हत्याकांड से कोई कनेक्शन नहीं मिला है.


परिचितों से भी हुई पूछताछ
अजमेर के एडिशनल एसपी विकास सांगवान ने बताया कि गौहर ने मौन जुलूस के दौरान आवेश में आकर नारे लगाए थे. उसका उदयपुर हत्याकांड से कोई कनेक्शन नहीं मिला है. वारदात में लिप्त होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गौहर के संपर्क में आने वाले सभी लोगों से पूछताछ करने के साथ ही गहनता से पड़ताल की है. जांच के दौरान उसके दो एंड्रॉएड मोबाइल फोन और कीपैड मोबाइल फोन को एफएसएल जांच के लिए सौंपा है.


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नारे लगाने वाले पांच आरोपी जेल में
जज के समक्ष पेश करने पर गौहर को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हाई सिक्योरिटी जेल भेजा है. गौहर से पहले अजमेर पुलिस ने भड़काऊ नारे लगाने के आरोप में ताजिम सिद्धकी, रियाज हसन दल, फखर जमाली, मोइन खान को भी गिरफ्तार किया था. यह सभी आरोपी भी हाई सिक्योरिटी जेल में है.


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