Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में राजकीय भर्तियों में आरक्षण संबंधित छूट, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) निगम को सुदृढ़ करने, नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का अनुमोदन और जैसलमेर में निवेश को बढ़ावा देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.


खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि बैठक में प्रदेश के 13 जिलों में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से सिंचाई व पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने, राजकीय भर्तियों में आरक्षण संबंधित छूट प्रदान करने, उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने और जैसलमेर में औद्योगिक निवेश बढ़ाकर रोजगार की संभावना में वृद्धि करने सहित अनेक अहम फैसले लिए गए. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है.


भूमि से संबंधित सम्पत्तियों का किया जाएगा हस्तानांतरण


अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ईआरसीपी निगम को जल संसाधन विभाग/सीएडी/आईजीएनडी/एसडब्ल्यूआरपीडी के स्वामित्व की अनुपयोगी भूमि एवं भूमि से संबंधित सम्पत्तियों का निःशुल्क हस्तानांतरण किया जाना है. उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी प्रदेश के 13 जिलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक) के लिए पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की भी अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है.


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मंत्री ने दी ये जानकारी


मंत्री ने बताया कि बैठक में मंत्रिमंडल ने नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति 2022 का अनुमोदन किया है. इस नीति से प्रदेश के स्टार्टअप, उद्यमशील विद्यार्थियों, ग्रामीण स्टार्टअप को फायदा मिलेगा. खाचरियावास ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘मैसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड’ को जैसलमेर में वृह्द उद्योग (सीमेंट इकाई एवं रेलवे साइडिंग) की स्थापना के लिए कुल 400.5237 हेक्टेयर भूमि का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह परियोजना दो चरणों में स्थापित होगी अैर इनमें कुल 4200 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्तावित है. इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा.


मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है. इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी. उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए पांच वर्ष की अतिरिक्त छूट भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि अब यह छूट अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी. उल्लेखनीय है  कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में छूट देने की घोषणा की गई थी.


अनुसूचित क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को भी मिलेगा आरक्षण का लाभ


ममता भूपेश ने बताया मंत्रिमण्डल ने नवीन अनुसूचित क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को भी आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने युद्ध में शहीद तथा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति नियम, 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दी है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है.